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Bareilly News: न्यूज ट्रैक की खबर का असर कथित झोलाछाप की लापरवाही से हुई युवती की मौत पर क्लीनिक हुआ सील
Bareilly News: मीरगंज विगत शनिवार को कस्बे में शनि बाजार में खरीददारी करने हेतु आई एक युवती की तबियत बिगड़ने के बाद एक कथित झोलाछाप चिकित्सक के द्वारा लापरवाहीं पूर्वक इलाज करने के कारण हुई मौत से स्वास्थ्य महकमा हरकत में आ गया न्यूज ट्रैक ने इस खबर को प्राथमिकता से किया था
Bareilly News: मीरगंज विगत शनिवार को कस्बे में शनि बाजार में खरीददारी करने हेतु आई एक युवती की तबियत बिगड़ने के बाद एक कथित झोलाछाप चिकित्सक के द्वारा लापरवाहीं पूर्वक इलाज करने के कारण हुई मौत से स्वास्थ्य महकमा हरकत में आ गया न्यूज ट्रैक ने इस खबर को प्राथमिकता से किया था प्रकाशित जिसके चलते रविवार को मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 विश्राम सिंह के निर्देश पर मीरगंज कस्बे में संचालित क्लीनिक को सीएचसी मीरगंज से गई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सीज कर दिया। जिससे कस्बे में संचालित ऐसे ही क्लीनिक एवं अस्पताल संचालकों में हड़कम्प मच गया है। कि कहीं उन पर भी गाज न गिर जाये।
इस मामले में मीरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्साधीक्षक डा0 विनय कुमार पाल ने बताया कि मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 विश्राम सिंह के दिशा निर्देश पर उनके द्वारा स्वास्थ्य विभाग की टीम चिकित्साधिकारी डा0 रोहन दिवाकर के नेतृत्व में फार्मासिस्ट हेमलता, सपोर्टिंग स्टाफ के तहत अजय कुमार व अस्पताल के गार्ड को भेजा गया था। और मीरगंज में थाना के आगे रोड पर संचालित कथित चिकित्सक अकील अहमद के क्लीनिक को सीज कर दिया गया। और टीम के द्वारा उसे नोटिस देकर चेताया गया कि वह सोमवार को सीएचसी में पहुंचकर क्लीनिक संचालन के समस्त दस्ताबेजों को उनके समक्ष पेश करे और यदि दस्ताबेज नहीं हैं तो खुद भी पेश हो। साथ ही उनके द्वारा क्लीनिक संचालित होने वाले भवन स्वामी को भी तलब किया गया है। सीएचसी अधीक्षक ने चेताबनी दी है कि यदि दोनों लोगों के दस्ताबेजों के साथ प्रस्तुत नहीं होने पर दोनों ही लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जायेगी।
मीरगंज कस्बे व इर्द गिर्द इलाकों में ऐसे ही तमाम क्लीनिक और अस्पताल हैं संचालित, आखिर इन पर कार्रवाई क्यों नहीं होती बता दें कि मीरगंज कस्बा एवं इर्दगिर्द देहात इलाकों में भी भारी तादात में ऐसे ही कथित झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा अस्पताल और क्लीनिक संचालित हैं। जिनके अस्पताल संचालित करने के रजिस्ट्रेशन भी नहीं हैं और न ही वहां पर कोई डिग्री धारक चिकित्सक हैं। और मेडिकल लाइसेंस की आड़ और स्वास्थ्य महकमें की सरपरस्ती में बेधड़क संचालित हो रहे हैं। जिनमें मरीजों की अच्छी खासी तादात बनी रहती है।
इतना ही नहीं जानकारी में यह भी आया है कि कस्बे में संचालित कथित क्लीनिकों एवं अस्पतालों में मानक भी पूरे नहीं हैं और धड़ल्ले से डीएनसी तक हो रही हैं। अल्ट्रा साउंट सेंटर भी संचालित हैं। तो ऐसे में सबाल यह भी उठना लाजिमी है कि आखिरकार इन पर मेहरबानी किसकी है। क्या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जिम्मेदार नहीं हैं। जिनकी सरपरस्ती में ये संचालित हैं। और मोटी कमाई का जरिया भी स्वास्थ्य महकमा का बना हुआ है। इन अस्पतालों में मरीजों से मनमारी रकम ली जा रही है। तो फिर स्वास्थ्य महकमा इन पर कार्यवाही क्यों नहीं करता।
शनिवार को कथित झोलाछाप चिकित्सक की लापरवाही से युवती की हुई थी मौतए परिजन बिना कार्रवाई के ही अपने घर ले गये थे शव बता दें कि मीरगंज कस्बे में विगत शनिवार को एक पैलेस में लगने वाली साप्ताहिक शनि बाजार में खरीदारी करने आई एक युवती की झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के कारण मौत हो गई। मृतका नसरीन 16 वर्ष पुत्री जाकिर हुसैन निवासी ठिरिया खुर्द के कोतवाली मीरगंज की रहने वाली थी
क्या था पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक नसरीन अपनी सहेली के साथ मीरगंज शनिवार बाजार में खरीदारी कर रही थीए तभी अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे उल्टी दो तीन बार आई। जिससे घबराई सहेली उसे तुरंत पुलिस थाना के आस पास स्थित एक निजी क्लीनिक पर ले गई। वहां एक कथित डॉक्टर ने नसरीन को आधी बोतल ग्लूकोज चढ़ाई, और इंजेक्शन भी लगाया लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। उल्टे तबीयत और बिगड़ने लगी। इसी बीच नसरीन की सहेली ने उसके परिजनों को सूचना दी। परिजन जब मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि नसरीन की हालत बेहद नाजुक है। झोलाछाप डॉक्टर ने बिना उचित इलाज किए उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की सलाह दी। परिजन नसरीन को तुरंत सीएचसी मीरगंज ले गएए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।घटना के बाद दुखी परिजन बिना किसी कानूनी कार्रवाई के शव को घर ले गए।
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