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Bareilly News: गौवंशों के भूसे की खरीद में भ्रष्टाचार, लाखों का घोटाला उजागर
Bareilly News: गौशालाओं में गौवंश के संरक्षण एवं संबर्धन हेतु खरीदे जा रहे भूसा खरीद में लाखों का घोटाला होना समाने आया है।
गौवंशों के भूसे की खरीद में भ्रष्टाचार (photo: social media )
Bareilly News: बरेली आपने कभी विहार में चारा घोटाला तो खूब सुना ही होगा और काफी चर्चित भी रहा। लेकिन अब तो प्रदेश की योगी आदित्य नाथ की सरकार में भी ऐसे घोटालों की फहरिस्त सामने आने लगी है। जिसे आप चौंक ही नहीं जायेंगे बल्कि हैरत में भी पड़ जायेंगे। अब तो गौशालाओं में गौवंश के संरक्षण एवं संबर्धन हेतु खरीदे जा रहे भूसा खरीद में लाखों का घोटाला होना समाने आया है। यह खुलाशा तब हुआ जब विगत गुरूवार को प्रदेश शासन के दिशा निर्देश पर मीरगंज पहुंची टीम ने कपूरपुर में संचालित गौशाला का निरीक्षण किया। और टीम भूसा खरीद मामले हुए लाखों रूपयों के हेरफर को देख हैरत में पड़ गई। जहां पशुओं की पोर्टल पर दर्शायी गयी और मौजूदा हालात में मिले गौवंशां की संख्या में भी भारी अंतर पाया गया। साथ ही अव्यवस्थाओं का बोलबाला भी मिला। अब टीम प्रदेश शासन को अपनी जांच रिर्पोट सौंपेगी।
बता दें कि विगत गुरुवार को संयुक्त निदेशक डा0 संजय अग्रवाल, डिप्टी डायरेक्टर डा0 ज्ञानेंद्र कुमार और डा0 मदन मुरारी पटेल पशु चिकित्साधिकारी को साथ लेकर गौशालाओं के निरीक्षण हेतु मीरगंज पहुंचे थे। टीम ने पहले मीरगंज विकास खंड के गांव कपूरपुर में संचालित गौशाला का निरीक्षण किया। जहां पर ऑनलाइन दर्ज 152 संख्या के सापेक्ष मौजूदा हालत में मात्र 77 पशु ही गौशाला में मौजूद मिले। साथ ही गौवंश के भरण पोषण हेतु ऑन लाइन पोर्टल पर भूसे की खरीद 09 लाख 50 हजार रूपये दर्शायी गई मिली। लेकिन दस्तावेजों में केवल 02 लाख 50 हजार रूपये की एंट्री मिली। और एमएस इंटरप्राइजेज नामक फर्म के नाम पर बना 75 हजार रूपये का बिल भी फर्जी निकला।
सबूत मांगे जाने पर कोई भी जबाब नहीं दे पाया
टीम के द्वारा ग्राम प्रधान एवं सचिव से सबूत मांगे जाने पर कोई भी जबाब नहीं दे पाया और गौशाला परिसर में कीचड़ और गंदगी का अंबार भी टीम को देखने को मिला। संयुक्त निदेशक अग्रबाल ने खंड विकास अधिकारी भगवान दास से जब निचले इलाके की भूमि में गौशाला बनाये जाने पर सबाल किया तो वह चुप्पी साध गये और किसी भी मामले में कोई भी संतोष जबाब नहीं दे सके। इस दौरान गाम प्रधान हरीश राजपूत ने कहा कि गौशाला बनाये जाने के दौरान उन्होंने जगह बदलने को कहा भी था लेकिन किसी ने नहीं सुना। इसके बाद टीम गांव सैजना स्थित गौशाला पहुंची तो वहां पर 91 गौवंश दर्ज थे। लेकिन ग्राम प्रधान एवं सचिव मौके पर नहीं मिले। गौशाला की टिन आंधी के चलते उड़ी हुई दिखी। वहां पर केयर टेकर ने आठ माह से मानदेय नहीं मिलने की बात भी कही। गौवंशों की नांदों के आगे हरा चारा होना पाया गया। अब टीम पूरी जांच रिर्पोट शासन स्तर पर सौंपेगी। जिससे कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।
टीम का नेतृत्व कर रहे डा संजय अग्रबाल ने कहा कि शासन से उन्हें धरातल पर गौशालाओं की सच्चाई को जानने हेतु जिम्मेदारी देकर भेजा गया है। जिन जिम्मेदार कर्मचारियों एवं अधिकारियों की लापरवाही सामने आयी है। उनकी रिर्पोट शासन स्तर पर सौंपेंगे।
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