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Bareilly News: गौशाला में गौवंशीय पशुओं के बंधे मिले काले पशु , ग्रामीण गौवंशो से फसलों से रखवाली करते मिले , योगी सरकार की योजनाओ की उड़ाई जा रही धज्जियां
Bareilly News: प्रदेश की योगी सरकार की जंगलों में बिचरण करने वाले गौवंश के संरक्षण एवं संबर्धन हेतु गांवों में सरकारी लाखों रूपयों से बनाई गई गौशालाओं का अस्तित्व जिम्मेदारों की उदासीन कार्य प्रणाली के चलते खतरे में पड़ता दिख रहा है। और अब गौशाला निजी पशुशाला के स्वरूप में तब्दील होती दिख रही हैं।
Bareilly News: प्रदेश की योगी सरकार की जंगलों में बिचरण करने वाले गौवंश के संरक्षण एवं संबर्धन हेतु गांवों में सरकारी लाखों रूपयों से बनाई गई गौशालाओं का अस्तित्व जिम्मेदारों की उदासीन कार्य प्रणाली के चलते खतरे में पड़ता दिख रहा है। और अब गौशाला निजी पशुशाला के स्वरूप में तब्दील होती दिख रही हैं। और जिम्मेदारों की उदासीन एवं गैर जिम्मेदाराना रबैया के चलते गौशाला में काले पशु जुगाली गरते नजर आ रहे हैं और गौवंश जंगल में बिजरण करते हुए किसानों की फसल की बर्बादी पर आमादा हैं। और किसान दिन और रात्रि दौरान खेतों पर बशेरा करके फसल की गौवंश के कहर से बचाने हेतु रखबाली कर रहे हैं। वहीं गौवंश हाइवे हो या फिर रेलवे लाइन पर हादसे का शिकार हो रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार केवल कागजों में झूठी रिर्पोट दर्शाकर योगी सरकार के मिशन को पलीता लगाने में मशगूल हैं।
मामला बरेली जनपद के मीरगंज विकास खंड क्षेत्र के गांव नौसना में कई वर्ष पूर्व सरकारी लाखों रूपये खर्च कर बनाई गई गौशाला का मामला सामने आया है। सूत्रों से पता चला कि गांव नौसना की गौशाला में कोई भी गौवंश नहीं है और इस गौशाला में ग्रामीणों के काले पशु ही मौज फरमाते हैं। न भूसा है और नही चारा व पानी का इंतजाम। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यूज़ ट्रैक संवाददाता ने गांव नौसना पहुंचकर हॉलातों को अपने कैमरे में कैद किया। तो जाना कि गौशाला में किन्हीं ग्रामीणों के काले पशु खूंटे से बंधे हुए जुगाली करते नजर आये। और मौजूदा हालात में भूषा व पानी के भी इंतजाम की कोई व्यवस्था नहीं दिखी। इतना जरूर कि गौशाला के समीप ही किसानों की फसलें आबारा घूमने वाले गौवंश पशु फसलों को उजाड़ते दिखे और किसान उन्हें खेतों से दौड़ा रहे थे। गांव नौसना के रहने वाले ठाकुर रामौतार सिंह ने बताया कि गौशाला का निर्माण तत्कालीन ग्राम प्रधान राहुल कुमार के कार्य काल में हुआ था। और विगत तीन वर्ष पहले जब प्रशासनिक दबाब गौवंश हेतु डाला गया तो वर्तमान प्रधान ने कुछ दिनों के लिए दो चार गौवंश को गौशाला में संरंक्षण दिया। लेकिन उसके बाद पता नहीं कि गौवंश कहां गये और फिर उसके बाद कोई भी गौवंश इस गौशाला में नहीं देखा गया। उन्होंने बताया कि किसान रात दिन खेतों पर रहकर जंगल में आवारा तौर पर बिचरण कर रहे गौवंशों से अपने खेतों की फसलों की रखबाली कर रहे हैं।
क्या कहते है बीडीओ मीरगंज
बी0डी0ओ0 भगबान दास बोले इस मामले में खंड विकास अधिकारी भगवान दास से सीयूजी मोवाइल नंबर पर बात करना चाही तो उनका मोबाइल स्वीच ऑफ होना बता रहा था। इसके बाद जब कार्यालय पहुंच कर मामले में उनका पक्ष जाना गया तो उनका कहना था कि इस मामले की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। और यदि ऐसा है तो टीम भेजकर जांच कराई जायेगी।
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