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'I Love Mohammad': बरेली हिंसा में तौकीर रजा के करीबियों पर FIR, बुलडोजर कार्रवाई हुई तेज
Bareilly Hinsa Update: बरेली हिंसा में तौकीर रजा को साजिशकर्ता बताया गया, पुलिस FIR में खुलासे। प्रशासन ने अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया।
Bareilly Violence Latest Update
Bareilly Violence Latest Update: यूपी के बरेली में जुम्मे की नमाज के बाद हुई हिंसा और बवाल के मुख्य आरोपी और साजिशकर्ता कहे जाने वाले मौलाना तौकीर रजा के साथियों, करीबियों और रिश्तेदारों पर बड़ी कार्रवाई हुई है। तौकीर रजा के करीबियों के अवैध निर्माण पर बरेली नगर निगम ने बुलडोजर एक्शन और सीलिंग की कार्रवाई को काफ़ी सख्ती से अंजाम दिया है। बरेली हिंसा को लेकर तौकीर रजा के खिलाफ दर्ज FIR की कॉपी में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। FIR में भी लिखा गया है कि तौकीर रजा ने बरेली में बवाल और हिंसा के लिए पूर्व नियोजित साजिश रची थी। नमाज के बाद बड़ी संख्या में करीबियों और रिश्तेदारों को इकट्ठा कर उन्हें बवाल के लिए भड़काया गया था। इस मामले में अभी तक लगभग 72 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सरकार का चला बुलडोजर
तौकीर रजा के दामाद की प्रोपर्टी पर बुलडोजर चला है। लखनऊ रोड पर नारियावल क्षेत्र में हमसफ़र रिजॉर्ट सील कर दिया है। बरेली विकास प्राधिकरण ने सीलिंग का नोटिस भी लगा दिया है। जोकि बेनामी संपत्ति भी बताई जा रही है बीते रोज तौकीर रजा की मार्केट भी सील कर दी गई थी। तौकीर रजा के बहनोई मोहसीन रजा, उनके भाई अनस के अवैध चार्जिंग स्टेशन पर बुलडोजर कार्रवाई हुई है।
इस दौरान ड्रोन से निगरानी हुई। यह चार्जिंग स्टेशन नगर निगम की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके बनाया गया था। चार्जिंग स्टेशन पर कार्रवाई को दौरान मौके पर पुलिस बल भी मौजूद रहा। सुरक्षा बलों में आरआरएफ की टीम के साथ दमकल की गाड़ियां भी पहुंची थीं।
पहले से आयोजित रणनीति के तहत पुलिस पर कराया गया पथराव
पुलिस-प्रशासन ने मौलाना तौकीर रजा को तो घर से निकलने नहीं दिया, लेकिन उनके आह्वान पर तमाम प्रदर्शनकारी हाथ में आई लव मुहम्मद के पोस्टर लेकर सड़कों पर निकल गाए। शुरूआत में पुलिस ने बैनर लेकर आए लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन, वह मानने की जगह उल्टा पुलिस से ही भिड़ गए। उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू किया तो बचाव में पुलिस ने लाठीचार्ज कर सभी को खदेड़ दिया। इसके बाद पूरे शहर में अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शन करने वालों पर लाठीचार्ज किया गया। कई लोगों को हिरासत में लिया गया तो तमाम लोग मौके से फरार हो गए। इससे यह तो स्पष्ट हो गया कि यह सिर्फ एक ज्ञापन सौंपने की बात नहीं थी। बल्कि शहर को जलाने का एक सोचा समझा षड्यंत्र था। वहीं इस मामले में सबसे बड़ी खबर हमारे सूत्रों से पता चल रही है कि हिंसा के दौरान मामले को बढ़ाने के लिए तौकीर के किसी करीबी ने बिहार और कोलकाता से आदमी बुलाए थे।
जीआईसी और नौमहला मस्जिद के पास अचानक से युवा उग्र हो गए। उन्होंने पुलिस को साथ धक्कामुक्की कर इस्लामियां ग्राउंड की ओर भागने का प्रायस किया मगर पुलिस ने उन्हें रोका तो वह भी उग्र हो गए। इसके बाद वहां पर भी पुलिस ने लाठीचार्ज कर दी। चंद मिनट में ही उपद्रवी वहां से भी फरार हो गए। इसके बाद पुलिस ने वहां पर और भी सख्त पहरा लगा दिया। नौमहला मस्जिद के पास का विवाद करीब 10 मिनट तक ही चला था।
कानपुर से शुरू हुआ था विवाद
बरेली शहर में जुमे की नमाज के बाद 'आई लव मोहम्मद' के बैनर और नारों को लेकर भारी बवाल मच गया। थाना कोतवाली क्षेत्र के बिहारीपुर पुलिस चौकी के पास स्थित मस्जिद के बाहर सैकड़ों नमाजियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था। नमाजियों ने सड़क पर उतरकर 'आई लव मोहम्मद' के अलावा 'नारा-ए-तकदीर' जैसे नारे लगाए और बैनर लहराए भी लहराए थे। भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया था कि पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। यह विवाद कानपुर से शुरू हुआ था, जहां जश्न-ए-ईद-मिलादुन्नबी के जुलूस में 'आई लव मोहम्मद' के बैनर लगाने पर 25 मुस्लिम युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। बरेली की प्रसिद्ध दरगाह आला हजरत ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की थी और जमात रजा-ए-मुस्तफा के नेतृत्व में शहर भर में समर्थन में पोस्टर अभियान चलाया गया। पिछले सप्ताह से ही जखीरा, आजमनगर, बिहारीपुर, कोहाड़ापीर, गुलाब नगर, शहामतगंज, किला, जोगी नवादा, हजियापुर, शाहदाना और सेटेलाइट सिटी जैसे इलाकों में ये बैनर लगाए गए थे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह पैगंबर मोहम्मद के प्रति प्रेम और सम्मान की अभिव्यक्ति है, जो संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आती है।
चंद्रशेखर रावण ने किया सरकार का विरोध
चंद्रशेखर ने सरकार पर आरोप लगाए हैं कि उत्तर प्रदेश की सरकार धर्म के आधार पर कार्रवाई कर रही है। बरेली में जो अन्याय हुआ है, वह स्वीकार नहीं है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि इस अन्याय के खिलाफ आजाद समाज पार्टी कड़े फैसले लेगी। अगर आंदोलन भी करना पड़ा तो हम करेंगे। उन्होंने कहा, "मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि 'आई लव मोहम्मद' के खिलाफ में 'आई लव महादेव' क्यों? 'आई लव मोहम्मद' से किसी को आपत्ति कैसे हो सकती है? किस आधार पर आपत्ति की जा सकती है? यह कहां से अपराध है?" चंद्रशेखर ने आगे कहा कि 'आई लव मोहम्मद' कहने को सरकार ने अपराध बना दिया है।
सरकार के मंत्रियों ने दिए बयान
उत्तर प्रदेश के मंत्री जयवीर सिंह ने कहा- पूरा राज्य जानता है कि आई लव मोहम्मद मुद्दे का क्या मक़सद है। जब कोई केस नहीं दर्ज किया गया तो इस तरह की बातें बहुत चिंताजनक, गुमराह करने वाली है और ये सब कुछ लोगों द्वारा शांति और क़ानून व्यवस्था को भंग करने की जानबूझकर साज़िश है।
यूपी सरकार में मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने कहा- कोई अगर किसी धर्म के व्यक्ति को गुमराह करने की कोशिश करेगा तो उसके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री संजय निषाद ने कहा- जिन लोगों ने भी प्रदर्शन का आह्वान किया था, वे सभी जेल जाएंगे, चाहे वे कितने भी रसूखदार हों।
यूपी सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने कहा- अगर उत्तर प्रदेश को किसी ने अशांत करने की कोशिश की तो कार्रवाई ऐसी करेंगे कि उनकी आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी।
विपक्ष ने भी दिया बयान
वहीं विपक्ष ने इस लाठीचार्ज पर गंभीर सवाल उठाए हैं। समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा- सरकार द्वारा ताक़त का इज़हार करना उसकी कमज़ोरी की निशानी होती है। सरकारें लाठी चार्ज से नहीं सौहार्द-सद्भाव से चलती हैं। घोर निंदनीय! हालांकि, उन्होंने अपनी पोस्ट में बरेली का ज़िक्र नहीं किया है।
वहीं समाजवादी पार्टी के नेता रविदास मेहरोत्रा ने कहा- बरेली में जुमे की नमाज के बाद बर्बर लाठी चार्ज किया गया। यह प्रदेश सरकार के आदेश पर किया गया था, जिसमें सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की सरकार दमन, जुल्म और तानाशाही से जनता की आवाज़ को दबाना चाहती है। बीजेपी जनता में नफ़रत फैला कर सरकार में बने रहना चाहती है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने इस मामले पर कहा- हर किसी को अपने भगवान से प्यार करना चाहिए। आई लव मोहम्मद, आई लव महादेव, आई लव गणेश जी, आई लव जीसस क्राइस्ट, आई लव गुरुनानक, आई लव गौतम बुद्ध, आई लव महावीर।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा- हिंसा भड़काने में बीजेपी नंबर वन है। यूपी से कोई ख़बर आती है तो इसी तरह की होती है। कभी पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई और धंधे की बात क्यों नहीं होती।
पिछली सरकारों में भी हुए थे दंगे
बात हो अगर उत्तर प्रदेश में दंगों की तो पिछली सरकारों में भी ऐसी काफ़ी दुर्घटनाएं हुई हैं। पिछले साल उत्तर प्रदेश की राजनीति के वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश राजभर द्वारा दिए गए बयान के मुताबिक सपा सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश में 815 दंगे हुए थे। और 1300 लोगों की जान गई है। इसके साथ ही एक माह तक कर्फ्यू भी था। बसपा सरकार में 600 दंगे हुए और 1200 लोगों की जाने गई हैं।
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