स्वतंत्रता दिवस से पहले शहीदों के परिजन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से मिले, बताई पीड़ा

UP Congress: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को शहीदों के परिजनों ने पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि उनके बेटे के शहीद होने के बाद पत्नियां सास-ससुर का घर छोड़कर जा चुकी हैं। इससे शहीदों के माता-पिता के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 14 Aug 2025 10:45 PM IST
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शहीदों के परिजन से मिलते अजय राय (फोटो: सोशल मीडिया)

UP Congress: प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में गुरुवार को शहीदों के परिजनों से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने मुलाकात की है। उनमें के गाजियाबाद के शहीद अंकित गुप्ता, आजमगढ़ के शहीद करन कुमार, गाजीपुर के शहीद अकबर खान और शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के परिजन शामिल थे। सभी ने कांग्रेस नेता को समस्याओं से अवगत करवाया। उससे पहले अजय राय ने शहीदों के परिजनों का स्वागत करते हुए शॉल भेंटकर सम्मानित किया।

माता-पिता का जीवन कठिनाई से भरा

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अजय राय को शहीदों के परिजनों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि उनके बेटे के शहीद होने के बाद पत्नियां सास-ससुर का घर छोड़कर जा चुकी हैं। इससे शहीदों के माता-पिता के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। क्योंकि सरकार के नियमों के अनुसार शहीद की पत्नी को ही पेंशन देने का प्रावधान है। इस कारण शहीद के माता-पिता का जीवन कठिनाई से गुजर रहा है। परिजनों ने मांग करते हुए कहा कि सरकार द्वारा दी जाने वाली पेंशन को माता-पिता और पत्नी के बीच अनिवार्य रूप से वितरित किया जाए।

वीर माता-पिता की उपाधि दी जाएं

उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के सेवायोजन में माता और पिता के हितों को प्राथमिकता देने की बात कही है। परिजनों ने शहीदों के सम्मान में बनने वाले द्वार, सड़कों का नामकरण, पार्क, शहीद ग्राम और शहीद स्मारक जैसे अधूरे कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करने की मांग बताई है। उन्होंने अधिकारियों द्वारा दिए गए आंकड़ों की सत्यता की जांच करने और गलत जानकारी देने वालों पर कार्रवाई करने की अपील की है। परिजनों ने 'वीर नारी' की तर्ज पर 'वीर माता-पिता' की उपाधि देने की भी मांग की है।

कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता की पीड़ा

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह ने बताया कि शहीदों के माता-पिता को पेंशन देते समय 9,000 रुपये प्रतिमाह की बाध्यता को समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह राशि एक दिहाड़ी मजदूर से कम है। जो अन्यायपूर्ण है। उन्होंने जानकारी दी कि 9 अगस्त 2025 को संसद में प्रश्न संख्या 3207 के जवाब में रक्षा राज्यमंत्री ने स्वीकार किया था कि इस संबंध में एक प्रस्ताव विचाराधीन है। अजय राय ने शहीदों के परिजनों को आश्वासन दिया कि वे उनकी समस्याओं को उचित मंच पर उठाएंगे, समाधान का प्रयास करेंगे।

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