TRENDING TAGS :
उज्जवल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला बने माननीय, राष्ट्रपति मुर्मु ने 4 लोगों को राज्यसभा के लिया किया मनोनीत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अनुच्छेद 80 के तहत उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला, मीनाक्षी जैन और सी. सदानंदन मास्टर को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। ये सभी अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला, मीनाक्षी जैन और सी. सदानंदन मास्टर को राज्यसभा के लिए नामित किया है। गृह मंत्रालय ने इस आशय की अधिसूचना 12 जुलाई 2025 को जारी कर दी थी।
राजनयिक से सांसद बने हर्षवर्धन श्रृंगला
पूर्व विदेश सचिव और वरिष्ठ कूटनीतिज्ञ हर्षवर्धन श्रृंगला भारतीय विदेश सेवा के 1984 बैच के अधिकारी रहे हैं। अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड सहित कई देशों में भारत के राजनयिक प्रतिनिधि के रूप में उन्होंने सेवा दी है। 2020 में उन्हें विदेश सचिव नियुक्त किया गया था। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक हैं।
प्रख्यात वकील उज्ज्वल निकम की राज्यसभा में हुई एंट्री
अजमल कसाब, गुलशन कुमार हत्याकांड और 1993 मुंबई बम धमाके जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों में सरकारी वकील रह चुके उज्ज्वल निकम को भी राज्यसभा भेजा गया है। महाराष्ट्र के जलगांव में जन्मे निकम को 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उनकी जीवनी पर ‘आदेश-पावर ऑफ लॉ’ नामक फिल्म भी बन चुकी है। 2024 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन पराजित हो गए थे।
इतिहासकार मीनाक्षी जैन भी हुईं मनोनीत
इतिहास और सांस्कृतिक अध्ययन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली डॉ. मीनाक्षी जैन को भी राज्यसभा सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया है। वे कई चर्चित पुस्तकों की लेखिका हैं जिनमें अयोध्या विवाद, सती प्रथा और हिन्दू-मुस्लिम संबंधों पर आधारित शोध शामिल हैं। वर्ष 2020 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
सामाजिक कार्यकर्ता सदानंदन मास्टर को भी मिला स्थान
केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मास्टर ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। वह खुद राजनीतिक हिंसा के शिकार रह चुके हैं और लंबे समय से सामाजिक उत्थान के कार्यों में सक्रिय हैं।
संवैधानिक प्रावधान के तहत किया गया नामांकन
इन सभी को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है, जो राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वे साहित्य, विज्ञान, कला और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वालों को उच्च सदन में स्थान दें। राज्यसभा में ऐसे अधिकतम 12 सदस्य मनोनीत किए जा सकते हैं।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!