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Chandauli News: नगर पंचायत चुनाव में धांधली का आरोप, न्यायालय ने 4 जुलाई को चुनावी प्रपत्र पेश करने का दिया निर्देश
Chandauli News: ओमप्रकाश सिंह द्वारा दाखिल की गई याचिका में स्पष्ट रूप से आरोप लगाया गया है कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई और मतदाता सूची से लेकर मतगणना तक, कई स्तरों पर गड़बड़ी की गई।
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Chandauli News: जिले की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। नगर पंचायत चंदौली के अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर गंभीर आरोप सामने आए हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में उथल-पुथल मच गई है। चुनावी प्रक्रिया में कथित धांधली और दस्तावेजों की हेराफेरी को लेकर भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश सिंह ने जिला एवं सत्र न्यायालय, चंदौली में एक याचिका दायर की थी, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है। इस मामले में न्यायालय ने निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया है कि वे चुनाव से जुड़े सभी महत्वपूर्ण प्रपत्रों को 4 जुलाई 2025 को पर्याप्त सुरक्षा के बीच न्यायालय में प्रस्तुत करें।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नगर पंचायत चंदौली के अध्यक्ष पद पर हुए चुनाव में धांधली के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश सिंह ने आरोप लगाया है कि मतदान के दौरान एक ही मतदाता के दो बार वोट डालने, तथा मतदान लेखा प्रपत्र भाग 1 और भाग 2 में अंतर जैसी अनियमितताएं सामने आई हैं। उनका दावा है कि इस चुनाव में विरोधी पक्ष ने कूटनीतिक चालों के माध्यम से अपनी विजय सुनिश्चित की, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
ओमप्रकाश सिंह द्वारा दाखिल की गई याचिका में स्पष्ट रूप से आरोप लगाया गया है कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई और मतदाता सूची से लेकर मतगणना तक, कई स्तरों पर गड़बड़ी की गई। उन्होंने चुनाव परिणाम को चुनौती देते हुए न्यायालय से निष्पक्ष जांच की मांग की थी। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को समझते हुए याचिका को स्वीकार कर लिया है और निर्वाचन से संबंधित सभी दस्तावेज न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया है।
न्यायालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि याची द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र धारा 33(ग) के अंतर्गत स्वीकार किया जाता है और उस पर आपत्ति धारा 36(ग) के अनुसार निस्तारित की जाती है। इसके साथ ही नगर पंचायत चंदौली के अध्यक्ष पद हेतु मतदान से जुड़े सभी आवश्यक दस्तावेज, जैसे दृ मतदाता सूची, मतपत्र लेखा भाग 1 और भाग 2, पीठासीन अधिकारी द्वारा प्रयुक्त अभिलेख, मतदान के दिन तैयार किए गए प्रपत्र आदि सभी को सुरक्षित रूप से न्यायालय में 4 जुलाई को प्रस्तुत करना सुनिश्चित किया जाए।
इस आदेश की एक प्रति जिलाधिकारी चंदौली को भी भेजी गई है ताकि वे इसके अनुपालन को सुनिश्चित करें और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर उठे सवालों का विधिपूर्वक उत्तर मिल सके। आदेश के अनुसार, सभी दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करनी होगी ताकि कोई भी दस्तावेज छेड़छाड़ से सुरक्षित रह सके।
इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, “यह केवल मेरी हार या जीत का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की गरिमा और निष्पक्षता का मामला है। यदि चुनाव निष्पक्ष नहीं होगा, तो आम जनता का विश्वास व्यवस्था से उठ जाएगा। चुनाव में एक ही मतदाता द्वारा दो बार वोट डालना और मतपत्र लेखा में अंतर होना यह साबित करता है कि कहीं न कहीं पूरी प्रक्रिया में गंभीर अनियमितता हुई है।“
उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी उम्मीदवार की जीत सुनियोजित षड्यंत्र का परिणाम प्रतीत होती है और उन्होंने न्यायालय से अपेक्षा जताई कि निष्पक्ष जांच के माध्यम से सच्चाई सामने लाई जाएगी। वहीं, विपक्षी खेमे की ओर से अभी तक इस विषय पर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन अंदरखाने से यह संकेत मिल रहे हैं कि वे आरोपों को बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बता सकते हैं।
नगर पंचायत के आम नागरिक भी अब इस पूरे घटनाक्रम को लेकर चर्चा में हैं। कई लोगों का मानना है कि यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो यह न केवल मौजूदा अध्यक्ष के लिए संकट खड़ा कर सकता है, बल्कि पूरे नगर पंचायत चुनाव की निष्पक्षता पर भी प्रश्नचिह्न लग जाएगा।
अब सबकी निगाहें 4 जुलाई 2025 की तारीख पर टिकी हैं, जब चुनाव से जुड़े तमाम दस्तावेज न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे। उसी दिन यह तय होगा कि चुनावी प्रक्रिया में वास्तव में कोई गड़बड़ी हुई थी या नहीं। यदि न्यायालय को दस्तावेजों में विरोधाभास या अनियमितता मिलती है, तो संभव है कि चुनाव परिणाम रद्द कर दोबारा चुनाव कराने की नौबत आ जाए। फिलहाल, यह मामला जिले की राजनीति में एक अहम मोड़ बन चुका है और इसका असर आगामी स्थानीय चुनावों पर भी देखने को मिल सकता है।
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