Chandauli News: नौगढ़ के जंगल में वर्दी पर वारः वन कर्मियों की पिटाई के पीछे कौन?

Chandauli News: स्थानीय ग्रामीणों का तो सीधा आरोप है कि वन विभाग की भूमि पर ज्यादातर कब्जा स्थानीय वन कर्मियों और उनके रिश्तेदारों का ही है। यह आरोप गंभीर हैं और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

Sunil Kumar
Published on: 5 July 2025 4:00 PM IST
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Chandauli News: चंदौली जिले के काशी वन्य जीव प्रभाग में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है। नौगढ़, मझगाई और जयमोहनी रेंज में वन कर्मियों के साथ हो रही मारपीट की घटनाओं ने विभाग में हड़कंप मचा दिया है। आखिर क्या है इसकी वजह? क्यों अपनी ही सीमा में सुरक्षित नहीं हैं जंगल के रखवाले? यह सवाल अब हर किसी के मन में घूम रहा है।

कब शुरू हुआ जंगल पर कब्जे का खेल?

यह सोचने वाली बात है कि चंदौली के वन क्षेत्र पर अतिक्रमण एक दिन में तो हुआ नहीं होगा। वर्षों से धीरे-धीरे जंगल की जमीन पर अवैध कब्जे होते रहे, और सवाल यह उठता है कि उस दौरान वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी क्या कर रहे थे? यदि वास्तव में वन भूमि पर इतना व्यापक कब्जा हो गया है, तो इसकी जानकारी समय रहते क्यों नहीं दी गई और प्रभावी कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

वन विभाग पर उठते सवालिया निशान

स्थानीय ग्रामीणों का तो सीधा आरोप है कि वन विभाग की भूमि पर ज्यादातर कब्जा स्थानीय वन कर्मियों और उनके रिश्तेदारों का ही है। यह आरोप गंभीर हैं और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। अगर यह सच है, तो यह स्पष्ट होता है कि छोटे और कमजोर लोगों पर कार्रवाई करना आसान होता है, जबकि बड़े कब्जेदार, जिनमें वन विभाग के लोग भी शामिल हो सकते हैं, अक्सर कार्रवाई से बच जाते हैं।

प्रशासन से क्यों नहीं मांगी गई मदद?

एक और बड़ा सवाल यह है कि जब वन विभाग को जंगल में अतिक्रमण की समस्या और संभावित विरोध का अंदेशा था, तो उन्होंने पहले से ही स्थानीय प्रशासन से मदद क्यों नहीं मांगी? जंगल में अकेले जाने और फिर ग्रामीणों के गुस्से का शिकार होने से क्यों नहीं बचा गया? यह घटनाक्रम दर्शाता है कि कहीं न कहीं वन विभाग की कार्यशैली में भी खामी है।

जवाबदेही तय करना जरूरी

वन कर्मियों के साथ हुई मारपीट निंदनीय है और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन, इस घटना की तह तक जाना भी जरूरी है। वनों में बढ़ते अतिक्रमण की समस्या की जड़ कहां है? क्या वर्षों से एक ही जगह पर तैनात वन कर्मी और स्थानीय कर्मचारियों की मिलीभगत से यह सब हो रहा है? इन सभी सवालों का जवाब ढूंढना और दोषियों की जवाबदेही तय करना आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और जंगल के रक्षक सुरक्षित महसूस कर सकें।

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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

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मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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