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Chandauli News: बेटियों को बचाएं, उन्हें सशक्त बनाएं: एक जागरूकता पहल
Chandauli News: चंदौली जिला अस्पताल में बेटियों को बचाने और सशक्त बनाने को जागरूकता कार्यक्रम।
बेटियों को बचाएं, उन्हें सशक्त बनाएं (photo: social media )
Chandauli News: चंदौली जिले के पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला अस्पताल में महिलाओं और लड़कियों को बचाने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम कन्या भ्रूण हत्या रोकने और महिला सशक्तिकरण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए था। इसमें महिला कल्याण विभाग के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया और लोगों को इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी दी।
क्यों जरूरी है लड़कियों को बचाना और पढ़ाना?
कार्यक्रम में बताया गया कि कन्या भ्रूण हत्या एक बहुत बड़ी समस्या है। यह समाज में लड़कों और लड़कियों के बीच असंतुलन पैदा करती है। इसे रोकने के लिए सरकार ने "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" जैसे अभियान चलाए हैं, लेकिन इसके साथ ही समाज की सोच में बदलाव लाना भी बहुत जरूरी है। जब हम बेटियों को बचाते हैं और उन्हें अच्छी शिक्षा देते हैं, तो वे न केवल अपना भविष्य सुधारती हैं, बल्कि पूरे समाज के विकास में भी योगदान देती हैं।
महिलाओं को सशक्त बनाना क्यों जरूरी है?
महिला सशक्तिकरण का मतलब है कि महिलाओं को इतनी ताकत दी जाए कि वे अपनी जिंदगी के फैसले खुद ले सकें। जब महिलाएं सशक्त होती हैं, तो समाज में लैंगिक समानता आती है। इससे एक बेहतर और संतुलित समाज का निर्माण होता है। कार्यक्रम में मौजूद लोगों को बताया गया कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, चाहे वो विज्ञान हो, खेल हो या राजनीति।
अपनी सोच बदलें, बेटियों को मौका दें
कार्यशाला में वक्ताओं ने सभी से मिलकर महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या को रोकने की जिम्मेदारी हम सबकी है, खासकर महिलाओं की। हमें अपनी पुरानी सोच को बदलना होगा और अपनी बच्चियों को पढ़ने-लिखने और आगे बढ़ने का पूरा मौका देना होगा। हमें अपने बच्चों को बचपन से ही अच्छे संस्कार देने चाहिए और लड़के-लड़की में कोई भेद नहीं करना चाहिए। एक मजबूत भारत के लिए सशक्त महिलाओं का होना बहुत जरूरी है।
सरकार की योजनाएं भी मददगार
इस कार्यक्रम में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं की जानकारी भी दी गई। ये योजनाएं लड़कियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा और नौकरी तक हर कदम पर मदद करती हैं। इसके अलावा, लोगों को यह भी बताया गया कि वे कैसे सरकारी नीतियों से जुड़कर सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बन सकते हैं। इस कार्यक्रम में डॉ. के.सी. सिंह, श्रीमती रागिनी सिंह, जेंडर स्पेशलिस्ट रंजना श्रीवास्तव, पुष्पा कुशवाहा और आशा आदि भी मौजूद थे।
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