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Chandauli News: वेदांता हॉस्पिटल पर गिरी गाज: इलाज में लापरवाही पर जिला प्रशासन सख्त, जांच के आदेश
Chandauli News: चंदौली जिले के वेदांता हॉस्पिटल में इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का एक गंभीर मामला सामने आया है। इस मामले में जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई है।
Chandauli News: चंदौली जिले के वेदांता हॉस्पिटल में इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का एक गंभीर मामला सामने आया है। इस मामले में जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग के कड़े निर्देशों के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) चंदौली ने तत्काल प्रभाव से जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन कर दिया है। यह टीम अगले तीन दिनों के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी।
अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सक पर कार्रवाई की तलवार
जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि जांच में अस्पताल प्रबंधन और संबंधित चिकित्सक दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने वेदांता हॉस्पिटल की मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं।
मरीज ने लगाया लापरवाही और तथ्य छिपाने का गंभीर आरोप
दरअसल, बीते दिनों मरीज राजेश पाण्डेय ने जिलाधिकारी कार्यालय में एक शिकायती पत्र दिया था। इस पत्र में उन्होंने वेदांता हॉस्पिटल के डॉ. वेद प्रकाश उपाध्याय और अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में घोर लापरवाही बरतने के साथ ही महत्वपूर्ण तथ्य छिपाने का आरोप लगाया था। उन्होंने बताया कि इस लापरवाही के कारण उनकी जान पर बन आई थी और वाराणसी के बड़े अस्पतालों में इलाज के बाद किसी तरह उनकी जान बचाई जा सकी।
पेट दर्द की शिकायत बनी जानलेवा
शिकायतकर्ता राजेश पाण्डेय के अनुसार, जुलाई 2024 में उन्हें पेट के दाहिने तरफ अत्यधिक दर्द की शिकायत हुई थी, जिसके बाद उन्हें वेदांता हॉस्पिटल चंदौली में भर्ती कराया गया। वहां अल्ट्रासाउंड जांच में पित्त की थैली में पथरी पाई गई और डॉ. वेद प्रकाश उपाध्याय ने तुरंत ऑपरेशन करने की सलाह दी।
ऑपरेशन के बाद बिगड़ी हालत, पित्त का रिसाव बना मुसीबत
अगस्त 2024 में उनका ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के बाद से ही उनके पेट में असहनीय दर्द बना रहा और ड्रेन से लगातार पित्त का रिसाव होता रहा। मरीज का आरोप है कि डा. ने इस स्थिति को बार-बार सामान्य बताया और इलाज में लापरवाही बरती। जब उनकी स्थिति अत्यधिक बिगड़ने लगी, तो उन्हें अंततः वाराणसी के एपेक्स और बीएचयू जैसे बड़े अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ा।
वाराणसी के डॉक्टरों ने खोला राज, CBD का कटाव छिपाया गया
वाराणसी के अस्पतालों में इलाज के दौरान विशेषज्ञों ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान मरीज की कॉमन बाइल डक्ट (CBD) काट दी गई थी और इस गंभीर तथ्य को जानबूझकर मरीज से छिपाया गया। डॉक्टरों ने कई बार स्टेंट डालने का प्रयास किया, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। बाद में MRCP जांच में CBD का कटाव और सिकुड़न स्पष्ट रूप से दिखाई दी। इस दौरान मरीज को लगभग 50 दिनों तक ड्रेन से पित्त का रिसाव होता रहा और उन्हें आईसीयू में भी भर्ती होना पड़ा। इस गंभीर मामले में जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से पीड़ित मरीज को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है, वहीं वेदांता हॉस्पिटल प्रबंधन पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
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