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Chandauli News: नाम बड़े और दर्शन छोटे, मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्था हावी, मरीज भगवान भरोसे
Chandauli News: चंदौली के बाबा कीनाराम मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल, मरीजों को मिल रहा है अधूरा इलाज, विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी।
नाम बड़े और दर्शन छोटे, मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्था हावी, मरीज भगवान भरोसे (Photo- Newstrack)
Chandauli News: चंदौली जिले के बाबा कीनाराम स्वशासी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध पंडित कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। लोग कह रहे है नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली कहावत यहां चरितार्थ हो रही है। मेडिकल कॉलेज की स्थापना का उद्देश्य जिले की जनता को उन्नत चिकित्सा सुविधाएँ और विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध कराना था, लेकिन दो वर्ष पूरे होने के बाद भी हालात में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं दिख रहा है। अस्पताल की व्यवस्था जुगाड़ और भगवान भरोसे चलने की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं, जिससे मरीज और उनके परिजन परेशान हैं।
गंभीर मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया कि इमरजेंसी विभाग में आधुनिक सुविधाओं के साथ विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता हमेशा नहीं रहती। नतीजतन, कई बार मरीजों को समय से उचित उपचार नहीं मिल पाता और उनकी स्थिति बिगड़ जाती है। परिस्थितियाँ ऐसी बन चुकी हैं कि जिले में मेडिकल कॉलेज होने के बावजूद कई मरीजों को वाराणसी जैसे बड़े अस्पतालों में रेफर करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज खुलने से उम्मीद थी कि अब विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी और बाहर जाने की मजबूरी कम होगी, परंतु स्थिति इसके विपरीत है।
लोगों ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रबंधन की मनमानी और लापरवाही के कारण चिकित्सा सेवाएँ पटरी से उतर चुकी हैं। कॉलेज में एचओडी, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति होने के बावजूद अनुभवी डॉक्टरों की कमी साफ दिखाई देती है। अधिकांश विभागों में इलाज की जिम्मेदारी जूनियर डॉक्टरों और इंटर्न्स पर छोड़ दी जाती है, जो गंभीर मामलों को संभालने में अनुभवी नहीं होते। इससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है।
परिजनों का कहना है कि अस्पताल में जवाबदेही और मॉनिटरिंग की व्यवस्था बेहद कमजोर है। यदि लापरवाही से किसी मरीज की मृत्यु हो जाती है तो न तो जांच होती है और न ही दोषियों पर कार्रवाई, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस दौरान सर्जिकल विभाग के जूनियर डॉक्टर पीयूष गुप्ता, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज कुमार सिंह मौजूद रहे। वहीं, इस मामले पर EMO चंद्रमणि सिंह ने कहा कि ड्यूटी निर्धारण का अधिकार प्राचार्य व प्रबंधन का है। हम केवल चिकित्सकीय कार्य करते हैं, कमियाँ हैं तो उच्चाधिकारी ही दूर कर सकते हैं।
मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अमित सिंह ने बताया कि इस विषय पर जल्द ही बैठक कर समाधान पर चर्चा की जाएगी।
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