Chandauli News: सैयदराजा नेशनल इंटर कॉलेज में अध्यापकों को क्यों करना पड़ रहा है सत्याग्रह आंदोलन, जानिए पूरा मामला

Chandauli News: विद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाते हुए कॉलेज के वरिष्ठ अध्यापकों ने 18 मार्च 2025 से ही सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया है। इस आंदोलन की अगुवाई उप प्रधानाचार्य उमेश चंद तिवारी सहित पांच वरिष्ठ अध्यापक कर रहे हैं।

Ashvini Mishra
Published on: 20 May 2025 4:21 PM IST
teachers protest Satyagraha movement at Syedraja National Inter College News in Hindi
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सैयदराजा नेशनल इंटर कॉलेज में अध्यापकों को क्यों करना पड़ रहा है सत्याग्रह आंदोलन, जानिए पूरा मामला (Photo- Social Media)

Chandauli News: चंदौली जिले के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान सैयदराजा नेशनल इंटर कॉलेज में इन दिनों शिक्षकों में गहरा असंतोष व्याप्त है। विद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाते हुए कॉलेज के वरिष्ठ अध्यापकों ने 18 मार्च 2025 से ही सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया है। इस आंदोलन की अगुवाई उप प्रधानाचार्य उमेश चंद तिवारी सहित पांच वरिष्ठ अध्यापक कर रहे हैं। उनका कहना है कि विद्यालय की प्रबंध समिति और प्रधानाचार्य की मिली भगत से गंभीर भ्रष्टाचार किया जा रहा है, जिसे उजागर करने के उद्देश्य से यह आंदोलन किया जा रहा है।

अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर कर रहे आन्दोलन

उप प्रधानाचार्य उमेश चंद्र तिवारी के अनुसार हम लोगों ने अपनी 11 सूत्री मांगों की सूची पहले ही प्रबंध समिति को सौंप दी थी, लेकिन उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। इन मांगों में वित्तीय अनियमितताओं की जांच, नियुक्तियों में पारदर्शिता, विद्यार्थियों के हित में संसाधनों का उचित उपयोग तथा शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही समस्याओं का समाधान शामिल है। उप प्रधानाचार्य ने स्पष्ट किया कि आंदोलन का उद्देश्य किसी व्यक्ति विशेष को निशाना बनाना नहीं, बल्कि संस्था की गरिमा और पारदर्शिता को बनाए रखना है।

प्रधानाचार्य अनिल कुमार सिंह ने इस संदर्भ में बताया कि उन्होंने अध्यापकों से कई बार वार्ता कर आंदोलन समाप्त करने का प्रयास किया, लेकिन अध्यापक इसे प्रबंध तंत्र के खिलाफ लड़ाई बताते हुए सत्याग्रह जारी रखने पर अड़े रहे। प्रधानाचार्य ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यालय अब बंद कर दिया गया है, ऐसे में देखना होगा कि यह आंदोलन किस दिशा में जाता है – क्या विद्यालय खुलने के बाद भी अध्यापक इसी तरह सत्याग्रह पर बैठे रहेंगे, या प्रबंध समिति उनकी मांगों पर विचार कर उचित कार्रवाई करेगी।

शिक्षक पीछे हटने को तैयार नहीं

इस सत्याग्रह ने पूरे जनपद का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। शिक्षकों के अनुसार वे शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं और जब तक उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक वे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इस आंदोलन ने न केवल शिक्षा जगत में पारदर्शिता की मांग को रेखांकित किया है, बल्कि यह भी सिद्ध किया है कि जब शिक्षक अपनी आवाज उठाते हैं, तो वह केवल अपने लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण शिक्षण व्यवस्था के सुधार के लिए होती है।

अब यह देखना है कि प्रबंध समिति इस गंभीर आंदोलन को कितनी गंभीरता से लेती है और कितनी तत्परता से समाधान की दिशा में कदम उठाती है। यदि मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो यह आंदोलन शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है और छात्रों का भविष्य अधर में पड़ सकता है। ऐसे में प्रशासन की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है कि वह इस विवाद को निष्पक्ष तरीके से सुलझाए और शिक्षा व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित करने में मदद करे।

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