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UP में ईको-रूरल टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा ! पर्यटन मंत्री बोले- 2047 तक आत्मनिर्भर यूपी का लक्ष्य, सांस्कृतिक धरोहर बनेंगे पर्यटन का हिस्सा
Eco-rural Tourism: पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के गांव सिर्फ कृषि परंपराओं के केंद्र नहीं हैं, बल्कि ये समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, लोककला, हस्तशिल्प और खुशहाल जीवनशैली का जीता जागता उदाहरण भी हैं।
Lucknow News: Tourism Minister Jaiveer Singh
Uttar Pradesh News: प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि 2047 तक जब भारत अपनी आजादी के शताब्दी वर्ष का जश्न मनाएगा, तब उस समय एक विकसित और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश का सपना भी साकार होगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पर्यटन क्षेत्र इस दिशा में एक अहम योगदान देने जा रहा है। जयवीर सिंह के अनुसार, बदलते भारत में पर्यटन अब केवल शहरों और ऐतिहासिक स्थलों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों की ओर भी तेजी से बढ़ेगा।
पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ग्रामीण पर्यटन कांन्क्लेव-2025 के शुभारंभ अवसर पर कहा कि पर्यटन का दायरा अब गांवों तक पहुंचने के प्रयासों के तहत पारंपरिक पर्यटन के अलावा ईको टूरिज़्म, रूरल टूरिज़्म, होम स्टे और फॉर्म स्टे पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांवों में इन नए पर्यटन विकल्पों से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
आधुनिक जीवनशैली में बदलाव, ईको टूरिज़्म की ओर बढ़ा रुझान
संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने यह भी बताया कि कोरोना महामारी के बाद लोगों की जीवनशैली में बदलाव आया है। अब लोग शहरी जीवन से उकता कर प्रकृति के बीच समय बिताना चाहते हैं। ऐसे में ईको टूरिज़्म और रूरल टूरिज़्म की लोकप्रियता में भारी वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश सरकार इस बदलाव को ध्यान में रखते हुए राज्य भर में पर्यटन से जुड़ी सुविधाओं और संरचनाओं का निर्माण कर रही है।
कनेक्टिविटी और सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता
मंत्री जयवीर सिंह ने पर्यटन की वृद्धि के लिए सुरक्षा और बेहतर कनेक्टिविटी की महत्ता पर भी बल दिया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को एक सुरक्षित राज्य और उच्चस्तरीय कनेक्टिविटी जैसे रेल, वायु, और जल परिवहन सुविधाओं के लिए प्रमुख रूप से विकसित किया जा रहा है।
गांवों की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को पर्यटन का बनाएंगे हिस्सा
पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के गांव सिर्फ कृषि परंपराओं के केंद्र नहीं हैं, बल्कि ये समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, लोककला, हस्तशिल्प और खुशहाल जीवनशैली का जीता जागता उदाहरण भी हैं। ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी जा सकती है और युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोले जा सकते हैं।
234 गांवों में रूरल टूरिज़्म को बढ़ावा देने के प्रयास
कांन्क्लेव के दौरान, प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 234 गांवों को रूरल टूरिज़्म के लिए चुना गया है और पर्यटन से जुड़े संस्थाओं को सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है। इसके जरिए न केवल स्थानीय ग्रामीणों को लाभ होगा, बल्कि राज्य को भी पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी।
सम्मान और विचार-विमर्श का अवसर
इस अवसर पर पर्यटन मंत्री ने 40 फॉर्म स्टे संचालकों और उनसे जुड़े अन्य प्रमुख व्यक्तित्वों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में विधान परिषद सदस्य धर्मेन्द्र सिंह, पद्मश्री रामशरण वर्मा, आयुक्त निबंधक योगेश कुमार, विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया सहित अन्य व्यक्तित्वों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। वहीं ग्रामीण पर्यटन से जुड़े इस महत्वपूर्ण कान्क्लेव में पर्यटन विभाग के अधिकारी, होमस्टे संचालक और अन्य विशेषज्ञों ने भाग लिया और भविष्य में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया।
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