TRENDING TAGS :
Etah News: कोरोना वायरस को निमंत्रण देती मैडिकल कालेज में लगी भीड़, अव्यवस्थाओं के चलते मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज
Etah News: ग्रामीण अंचलों से इलाज की आस में आने वाले मरीजों को पहले तो लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता है, फिर घंटों डॉक्टर का इंतजार।
कोरोना वायरस को निमंत्रण देती एटा मैडिकल कालेज में लगी भीड़ भ्रष्टाचार अवैध वसूली (photo: social media )
Etah News: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच जब सरकारें स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के दावे कर रही हैं। वहीं एटा स्थित रानी अवंतीबाई मेडिकल कॉलेज लापरवाही, अवैध वसूली और दुर्व्यवहार का पर्याय बनता जा रहा है। मरीजों को बेहतर और निःशुल्क उपचार देने के उद्देश्य से स्थापित यह संस्थान अब जनता के लिए मुसीबत बन गया है।
लंबी कतारें, न डॉक्टर समय पर, न इलाज मयस्सर
ग्रामीण अंचलों से इलाज की आस में आने वाले मरीजों को पहले तो लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता है, फिर घंटों डॉक्टर का इंतजार। अधिकतर डॉक्टर अपने निर्धारित समय पर ओपीडी में उपस्थित नहीं रहते, और जब मिलते हैं तो मरीजों को बिना ठीक से देखे, एक ही तरह की “रामबाण” दवाइयाँ देकर चलता कर देते हैं। यदि कोई मरीज शिकायत करे, तो उसे डॉक्टर के निजी क्लीनिक या घर पर आने का दबाव बनाया जाता है – जहां से अवैध वसूली का खेल शुरू होता है।
खुलेआम हो रही वसूली, कोई कार्रवाई नहीं
मरीजों से खुले तौर पर ऑपरेशन या इलाज के नाम पर हजारों रुपये मांगे जा रहे हैं। डॉक्टरों और कर्मचारियों के कथन हैरान करने वाले हैं – “कहीं और जाओगे तो लाखों खर्च होंगे, यहां सिर्फ 10 से 50 हजार ही लगेंगे।” जब इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की जाती है तो मरीज को छुट्टी देकर अस्पताल से बाहर कर दिया जाता है।
नेताओं का संरक्षण और मेडिकल स्टाफ की गुंडागर्दी
मेडिकल कॉलेज के कई कर्मचारियों को स्थानीय राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। आए दिन मरीजों, के तीमारदारों और पत्रकारों आदि से अभद्रता व मारपीट की घटनाएं सामने आती हैं। हाल ही में एक पुलिसकर्मी से भी डॉक्टरों द्वारा मारपीट की गई, लेकिन कार्रवाई की बजाय पीड़ित पुलिसकर्मी का ही तबादला कर दिया गया।वही तीन चार दिन पूर्व आशू पाराशर नामक युवक की पुत्री बहुत बीमार थी हाथ-पैर ठंडे थे डाक्टर बोला अभी मरी तो नहीं है जब मर जाये ले जाना जब उसने उनकी बात का विरोध किया तो उसने सिक्योरिटी से जबरन बाहर निकला दिया गया ऐसा है चिकित्सको का व्यवहार उसने बताया उन्होंने प्राचार्या को फोन किया उन्होंने उठाया नहीं।
कोरोना संकट के बीच जानबूझकर फैलाई जा रही भीड़
जब एक ओर सरकार कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए प्रयासरत है, मेडिकल कॉलेज प्रशासन जानबूझकर अव्यवस्था फैलाकर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहा है। एक ओर दावा किया जाता है कि इलाज मुफ्त होगा, वहीं दूसरी ओर वसूली और दुर्व्यवहार की घटनाएं मरीजों के साथ अन्याय को उजागर कर रही हैं।
प्राचार्य रजनी सिंह पटेल से अगर किसी कर्मचारी की या डॉक्टर की शिकायत की जाती है तो वह पहले तो उसकी तरफदारी करती हैं फिर बात करने की कहकर फोन काट देती हैं किंतु फिर वह फोन से चिकित्सा कर्मियों से क्या कहती हैं उसके बाद उक्त मरीज को चिकित्सक इलाज बंद कर रेफर कर जबरन मेडिकल कॉलेज से भेज देते हैं। ऐसे करती हैं एटा के मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य पीड़ितों की मदद जिसकी चर्चाएं पूरे जनपद में जोरों से हैं पर गरीब बेचारा असहाय मरीज क्या करें मजबूरी में वह मेडिकल कॉलेज में अपने मरीज को भर्ती करता है ।फिर उसका भाग्य है कि वह इलाज करा कर वापस घर जाता है? या भगवान के घर
मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार मुक्त शासन के दावे पर प्रश्नचिन्ह
इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन की जानकारी के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। यदि जल्द ही कोई उच्च स्तरीय जांच न कराई गई और दोषियों पर सख्त कार्रवाई न हुई, तो इसका असर आने वाले चुनावों में भी देखने को मिल सकता है।
रानी अवंतीबाई मेडिकल कॉलेज अब “उपचार का केंद्र” न होकर “उत्पीड़न और उगाही” का अड्डा बन चुका है। शासन और प्रशासन की चुप्पी ने मरीजों को विवश और असहाय बना दिया है। यह स्थिति तत्काल सुधार की मांग करती है, वरना यह संस्थान एटा जिले के स्वास्थ्य तंत्र की सबसे बड़ी विफलता के रूप में जाना जाएगा।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge