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UP News: गायत्री प्रजापति पर जेल में हमला... शुरू हुई सियासत, पूर्व IPS ने राज्यपाल को लिखा पत्र, न्यायिक जांच की रखी मांग
UP News: लखनऊ जेल में गायत्री प्रजापति पर हमले के बाद मचा सियासी घमासान, पूर्व IPS ने की न्यायिक जांच की मांग
Gayatri Prajapati Jail Attack ( Image- Credit- Newstrack)
UP News: उत्तर प्रदेश के पूर्व खनन मंत्री और समाजवादी पार्टी नेता गायत्री प्रजापति पर लखनऊ जेल में हुए हमले ने राजनीति में हलचल मचा दी है। गायत्री प्रजापति पहले से ही कई गंभीर मामलों में जेल में बंद हैं और उन पर जेल के भीतर कातिलाना हमला होने की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस बीच आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने राज्यपाल को पत्र भेजकर मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है। अमिताभ ठाकुर का कहना है कि उनके अपने जेल अनुभव के आधार पर यह हमला साधारण आपराधिक वारदात नहीं बल्कि बड़े राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा हो सकता है।
गायत्री प्रजापति पर हमले को बताया राजनीतिक षड्यंत्र
लखनऊ जेल में गायत्री प्रजापति पर हुए हमले को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जेल प्रशासन के दावों के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था की पोल इस घटना ने खोल दी है। अमिताभ ठाकुर का कहना है कि इस हमले को महज झगड़े या अचानक हुई वारदात मान लेना गलत होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस घटना के पीछे राजनीतिक षड्यंत्र की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। उनका मानना है कि प्रजापति जैसे हाई-प्रोफाइल कैदी पर जेल के भीतर हमला होना जेल प्रशासन और सुरक्षा तंत्र की नाकामी को उजागर करता है।
अमिताभ ठाकुर ने हमले की निष्पक्ष जांच करने की रखी मांग
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने अपने पत्र में लिखा है कि उन्होंने स्वयं सात माह लखनऊ जेल में बिताए हैं और इस दौरान उन्होंने वहां की हकीकत करीब से देखी है। उनके अनुसार जेल के अंदर कई बार घटनाओं को दबाने या उनके राजनीतिक मायने निकालने की कोशिश होती है। उन्होंने कहा कि गायत्री प्रजापति पर हमला इस बात का संकेत है कि जेलों की असलियत काफी भयावह है और बिना किसी निष्पक्ष जांच के इस घटना की सच्चाई सामने आना मुश्किल है। उन्होंने साफ कहा कि राजनीतिक षड्यंत्र की संभावना को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
राज्यपाल को लिखा पत्र, कहा- रिटायर्ड हाई कोर्ट जज को सौंपी जाए जांच
अमिताभ ठाकुर ने राज्यपाल को भेजे पत्र में कहा है कि इस मामले की जांच केवल एक निष्पक्ष उच्च स्तरीय समिति ही कर सकती है। उनका आग्रह है कि इस समिति की अध्यक्षता किसी रिटायर्ड हाई कोर्ट जज को सौंपी जाए ताकि जांच पारदर्शी और विश्वसनीय रहे। उन्होंने जोर दिया कि इस हमले से न केवल जेल प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई है, बल्कि यह भी साबित होता है कि जेलों में हाई-प्रोफाइल कैदियों की सुरक्षा भी खतरे में है। ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल को तत्काल कदम उठाते हुए न्यायिक जांच समिति गठित करनी चाहिए ताकि इस हमले की सच्चाई जनता के सामने आ सके और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
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