TRENDING TAGS :
पूर्व IPS Vs योगी आदित्यनाथ! यूपी CM के भाषण पर शुरु हुई सियासत, अमिताभ ठाकुर बोले- 'मुख्यमंत्री ने कानून तोड़ा... दर्ज हो FIR'
Lucknow News: पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने वाराणसी में दिए गए सीएम योगी के भाषण को लेकर लखनऊ के गोमतीनगर थाने में FIR की मांग की।
Lucknow News
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वाराणसी में हाल ही में दिए गए भाषण पर अब पूर्व IPS व आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने मोर्चा खोल दिया है। अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ के गोमतीनगर थाने में शिकायत भेजकर सीएम योगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उनका आरोप है कि वाराणसी में दिए गए इस भाषण के जरिए समाज में वर्ग वैमनस्य फैलाने का प्रयास किया गया है।
जनसुनवाई पोर्टल से दी गई शिकायत, भाषण के अंशों को बताया ‘आपत्तिजनक’
अमिताभ ठाकुर ने यह शिकायत जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से भेजी है। उन्होंने अपनी शिकायत की प्रति उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, डीजीपी, लखनऊ व वाराणसी के पुलिस कमिश्नर को भी कार्रवाई के लिए प्रेषित की है। ठाकुर का कहना है कि इस मामले में गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज होना चाहिए। अमिताभ ठाकुर ने कहा कि वाराणसी के बसंत महिला महाविद्यालय में दिए गए योगी आदित्यनाथ के भाषण और उनके X अकॉउंट पर डाले गए कुछ वीडियो अंश कानूनन आपत्तिजनक हैं। उन्होंने दावा किया कि ये अंश भारतीय न्याय संहिता की धारा 196, 197, 299 और 302 के तहत अपराध की श्रेणी में आते हैं। उनका कहना है कि इन बयानों में समाज के कुछ वर्गों के बीच नफरत और भेदभाव फैलाने की प्रवृत्ति साफ झलकती है।
अमिताभ ठाकुर बोले- 'मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी ज्यादा बड़ी'
अमिताभ ठाकुर ने अपने पत्र में लिखा है कि योगी आदित्यनाथ न केवल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, बल्कि वे पांच बार सांसद भी रह चुके हैं। ऐसे में उनकी जिम्मेदारी संविधान और कानून के प्रति कहीं अधिक बढ़ जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि इतने वरिष्ठ पद पर रहते हुए अगर कोई व्यक्ति ऐसा भाषण देता है जो समाज को तोड़ने का काम करता है, तो यह और भी अधिक गंभीर अपराध बन जाता है। वहीं, आजाद अधिकार सेना की प्रवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने कहा कि योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए भाषण में सामाजिक समरसता और सांप्रदायिक सौहार्द को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि आजाद अधिकार सेना कानून के तहत सभी विकल्पों पर विचार कर रही है और यदि एफआईआर दर्ज नहीं होती तो वे इस मुद्दे को कोर्ट तक ले जाने को बाध्य होंगे।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!