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Gonda News: परिजनों को थाने में बिठाने और पुलिस प्रताड़ना का आरोप, ग्रामीणों ने एसपी से की शिकायत
Gonda News: गोंडा जिले के कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के ग्राम टिकरिया के सैकड़ों ग्रामीण, जिनमें महिला, पुरुष और बच्चे शामिल थे, बुधवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे।
Gonda News: गोंडा जिले के कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के ग्राम टिकरिया के सैकड़ों ग्रामीण, जिनमें महिला, पुरुष और बच्चे शामिल थे, बुधवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि 12 जुलाई को उनके परिवार के एक लड़के विशाल की हत्या कर दी गई थी। इस संबंध में चार लोगों को नामजद किया गया था, जिनमें से कुछ को पुलिस पिछले 9 दिनों से कोतवाली देहात में बिठाए हुए है, लेकिन उन्हें जेल नहीं भेज रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस उल्टे पीड़ित परिवार और उनके रिश्तेदारों को परेशान कर रही है। यहां तक कि छोटे-छोटे बच्चों को भी पुलिस कोतवाली लाकर टॉर्चर कर रही है और उन पर परिवार के सदस्यों को हत्या में शामिल करने का बयान देने का दबाव डाल रही है। मृतक के पिता गोविंद ने आज दिए गए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि पुलिस उल्टे परिवार के निर्दोष सदस्यों को मामले में जेल भेजना चाहती है। इस गंभीर आरोप ने स्थानीय स्तर पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस पर मारपीट का एक और आरोप
इसी क्रम में, जिले के थाना गोंडा क्षेत्र के गांव तलेसरा निवासी वीरेंद्र पुत्र तुलाराम ने भी थाना पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है। पीड़ित ने बताया कि वह घर पर खाना खा रहा था, तभी पुलिस उसके घर पहुंची और उसे घर से उठा ले गई। रास्ते में पुलिस ने उससे कहा कि वह अवैध निर्माण कर रहा है और उसे मारते हुए गोंडा थाने ले आई, जिससे उसे काफी चोटें आईं। परिजनों ने बताया कि वीरेंद्र की हालत गंभीर लग रही थी, इसलिए वे उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल ले गए, जहां उपचार के बाद उसे घर भेज दिया गया।
हालांकि, क्षेत्राधिकारी इगलास महेश कुमार ने इन आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने बताया कि सोमवार को गांव तलेसरा से सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति अवैध निर्माण कर रहा है। इस सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और पूछताछ के लिए उस व्यक्ति को थाने बुलवाया। महेश कुमार ने दावा किया कि वीरेंद्र अपने परिजनों के साथ थाने आया था, और कुछ देर बाद उसने पेट में दर्द होने की शिकायत की। उसके परिजन उसे सरकारी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे एसिडिटी और गैस का दर्द बताया। उपचार के बाद उसके परिजन उसे वापस घर ले गए। क्षेत्राधिकारी ने स्पष्ट किया कि पुलिस ने किसी भी तरह की मारपीट या गाली-गलौज नहीं की है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वीरेंद्र से भी पूछताछ की गई, जिसमें उसने किसी भी तरह की मारपीट या गाली-गलौज न होने की बात कही। इस तरह से पुलिस पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं।
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