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Gorakhpur News: ‘छह माह-सात बार’ अभियान से सेहतमंद होंगे कुपोषित बच्चे, ये है एक्शन प्लान
Gorakhpur News: विभाग की तरफ से आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और आशा के संयुक्त प्रयास से गर्भवती और अति कुपोषित बच्चों को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
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Gorakhpur News: भुखमरी, बाल कुपोषण को दूर करने को लेकर वर्ष 2021 में चालू संभव अभियान का अच्छा असर हुआ है। चार चरणों के पूरा होने के बाद प्रदेश के गंभीर तीव्र कुपोषित (सैम) बच्चों में से 65 प्रतिशत सामान्य स्थिति में आ चुके हैं। जबकि 16 प्रतिशत बच्चे सैम स्थिति से मध्यम तीव्र कुपोषित बच्चों की स्थिति में आ चुके हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर संभव अभियान का पांचवां चरण पहली जुलाई से शुरू हुआ है। जो सितम्बर तक चलेगा।
बाल और महिला कल्याण विभाग ने गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और अति कुपोषित बच्चों को सेहतमंद करने के लिए विशेष ‘संभव-5’ अभियान शुरू किया है। इसमें छह माह-सात बार अभियान के तहत कुपोषित बच्चों को सेहतमंद करने के उपाय होंगे। इसमें स्तनपान कराने वाली 16505 धात्री महिलाओं को टारगेट किया गया है। इसके साथ ही शून्य से छह महीने के बच्चों पर विशेष नजर रखी जाएगी। विभाग की तरफ से आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और आशा के संयुक्त प्रयास से गर्भवती और अति कुपोषित बच्चों को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
4780 अति कुपोषित बच्चे गोरखपुर में चिन्हित
गोरखपुर में बाल विकास विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जीरो से पांच साल के 3 लाख 31 हजार 310 अंडरवेट बच्चे हैं। इनमें से विभाग ने 4780 अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया है। डीपीओ का कहना है कि इन बच्चों को अति कुपोषण से बाहर लाने के लिए छह माह-सात बार अभियान चलाया गया है। इसके तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री और आशा संयुक्त रूप से बच्चों के पास महीने में दो बार पहुंचेंगी। सेहत की जांच करने के बाद जरूरी पोषण के साथ दवाएं दी जाएंगी। इस अभियान के तहत कार्यकर्त्री 19800 गर्भवती महिलाओं पर भी नजर रहेगी। ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे के साथ मां में पोषण की कोई कमी नहीं रहे।
नियमित होगी बच्चों के सेहत की जांच
डीपीओ अभिनव मिश्रा का कहना है कि संभव-4 में गोरखपुर का प्रदर्शन अच्छा रहा था। इसे और बेहतर करने के लिए छह माह-सात बार अभियान चलाया जा रहा है। अति कुपोषित बच्चों तक आंगनबाड़ी और आशा महीने में दो बार जाएंगी। नार्मल बच्चों के पास भी हर महीने में एक बार जाना अनिवार्य होगा। संभव-5 में गोरखपुर को प्रदेश के टॉप 5 जिलों में शामिल कराने को लेकर प्रयास हो रहा है। अधिकारी का कहना है कि विभाग द्वारा स्तनपान कराने वाली 16505 धात्री महिलाओं को टारगेट किया गया है। इनके पास पहुंचकर स्तनपान करने वाले बच्चों की सेहत की जांच के साथ महिलाओं को जरूरी टिप्स दिये जाएंगे। आशा को सेहत को लेकर कोई कमी दिखती है तो उन्हें स्वास्थ्य केन्द्रों पर लाकर इलाज भी कराया जाएगा। ऐसी महिलाओं की सेहत का डिटेल स्वास्थ्य विभाग के ई-कवच प्लेटफार्म पर भी अपलोड किया जाएगा। इससे उनके स्वास्थ्य का नियमित जांच हो सके।
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