Gorakhpur News: राष्ट्रपति के हाथों होगा प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण, ये होगी तारीख

Gorakhpur News: प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर जिले के भटहट क्षेत्र के पिपरी में 52 एकड़ क्षेत्रफल में बना है। इसकी स्वीकृत लागत 267.50 करोड़ रुपये है।

Purnima Srivastava
Published on: 3 Jun 2025 4:49 PM IST
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Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में नॉलेज सिटी बन रहे गोरखपुर में एक नए शैक्षिक इतिहास का सृजन होने जा रहा है। यह इतिहास गोरखपुर में सीएम योगी के विजन से बने प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण के साथ रचा जाएगा। इसका लोकार्पण 30 जून को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के हाथों संभावित है। यह गोरखपुर का चौथा विश्वविद्यालय होगा और साथ ही यहां का पहला ऐसा विश्वविद्यालय जिसकी नींव भी राष्ट्रपति ने रखी और अब लोकार्पण भी राष्ट्रपति के हाथों होगा। दोनों आयोजनों में राष्ट्रपति को गोरखपुर बुलाने का श्रेय योगी आदित्यनाथ के नाम होगा। महायोगी गुरु गोरखनाथ के नाम बने आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था जबकि लोकार्पण वर्तमान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु करेंगी।

प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर जिले के भटहट क्षेत्र के पिपरी में 52 एकड़ क्षेत्रफल में बना है। इसकी स्वीकृत लागत 267.50 करोड़ रुपये है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है और इसका शिलान्यास 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। मुख्यमंत्री के बुलावे पर आगामी 30 जून को इसका लोकार्पण राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के हाथों संभावित है।

सोमवार को जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश के साथ महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का निरीक्षण करने के बाद कमिश्नर अनिल ढींगरा ने बताया कि वर्तमान समय में आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य 95 प्रतिशत से अधिक पूरा हो गया है। फैसिलिटी सेंटर, कुलपति आवास, अलग-अलग प्रकार के स्टाफ आवास पूर्ण रूपेण तैयार हैं। जबकि एकेडमिक और हॉस्पिटल ब्लॉक में सिर्फ कतिपय फिनिशिंग और बालक-बालिका छात्रावास में फाइनल कोट पेंटिंग से जुड़े कार्य शेष हैं। इन्हें भी अधिकतम अगले दस दिन में पूरा करने की हिदायत कार्यदायी संस्था को दी गई है।

आयुष विधा के एकीकृत नियमन का माध्यम बना आयुष विश्वविद्यालय

प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने से पहले आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, योग, सिद्धा की चिकित्सा पद्धति, जिन्हें समन्वित रूप में आयुष कहा जाता है, के नियमन के लिए अलग-अलग संस्थाएं कार्यरत रहीं। पर, राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने के बाद प्रदेश के सभी राजकीय और निजी आयुष कॉलेजों का नियमन अब इसी विश्वविद्यालय से ही होता है। वर्तमान सत्र में प्रदेश के करीब सौ आयुष शिक्षण (आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी) के कॉलेज/संस्थान इस विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं।

आयुष ओपीडी में अबतक एक लाख से अधिक मरीज ले चुके हैं परामर्श लाभ

आयुष विश्वविद्यालय में आयुष ओपीडी का शुभारंभ 15 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। तब से प्रतिदिन यहां आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी की ओपीडी में औसतन 300 मरीज परामर्श लेते हैं। ओपीडी शुभारंभ के बाद अब तक करीब एक लाख से अधिक लोग आयुष चिकित्सकों से परामर्श लाभ ले चुके हैं। जल्द ही यहां आयुष अस्पताल शुरू होने से आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथ योग, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति आदि से उपचार की बेहतरीन सुविधा भी उपलब्ध होने लगेगी।

हेल्थ टूरिज्म और औषधीय खेती को मिलेगा बढ़ावा, सृजित होंगे रोजगार के अवसर

आयुष चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने से आयुष हेल्थ टूरिज्म में रोजगार की संभावनाएं भी सृजित होंगी। इस पर गंभीरता से काम किया गया तो प्रदेश के इस पहले आयुष विश्वविद्यालय के आसपास के गांवों के लोगों को रोजगार के किसी न किसी स्वरूप से जोड़ा जा सकता है। आयुष विश्वविद्यालय के पूर्णतः क्रियाशील होने से किसानों की खुशहाली और नौजवानों के लिए नौकरी-रोजगार का मार्ग भी प्रशस्त होगा। लोग आसपास उगने वाली जड़ी बूटियों का संग्रह कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे। किसानों को औषधीय खेती से ज्यादा फायदा मिलेगा। आयुष विश्वविद्यालय व्यापक पैमाने पर रोजगार और सकारात्मक परिवर्तन का कारक बन सकता है। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) में नवनिर्मित ऑडिटोरियम का लोकार्पण और स्टेडियम का शिलान्यास भी राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के हाथों 30 जून को संभावित है।

एम्स के पहले यूजी बैच के दीक्षांत समारोह में भी राष्ट्रपति के शामिल होने की उम्मीद

30 जून को संभावित राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के दौरे पर यह उम्मीद भी जताई जा रही है कि वह गोरखपुर एम्स में यूजी (एमबीबीएस) के पहले बैच के दीक्षांत समारोह में भी शामिल हो सकती हैं। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच का जीवंत रूप है। इसका शिलान्यास उन्होंने राष्ट्रपति से कराया तो अब लोकार्पण भी देश के प्रथम नागरिक के हाथों कराने की तैयारी है। वह कई बार आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों का जायजा ले चुके हैं। उम्मीद की जा रही है कि अगले गोरखपुर दौरे पर एक बार फिर आयुष विश्वविद्यालय का निरीक्षण कर सकते हैं।

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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

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मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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