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Hapur News: अटल जयंती पर गूंजा हापुड़, “हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा”, भाजपाइयों ने अटल पार्क में दी श्रद्धांजलि
Hapur News: हापुड़ के अटल पार्क में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में देशभक्ति के नारे गूंजे और अटल जी की कविताओं ने माहौल को भावुक बना दिया।
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Hapur News: भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर शनिवार को गढ़ रोड स्थित अटल पार्क में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने अटल जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। पार्क देशभक्ति के नारों से गूंज उठा और हर कार्यकर्ता की आंखों में अटल जी की यादें ताज़ा हो गईं।
अटल पार्क में उमड़े भाजपाई
सुबह से ही अटल पार्क में भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारों से हुई। हर कार्यकर्ता हाथों में फूल लेकर पहुंचा और अटल जी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। पूरा माहौल “अटल जी अमर रहें” के नारों से गूंज उठा।
जिला अध्यक्ष नरेश तोमर हुए भावुक
श्रद्धांजलि सभा का नेतृत्व भाजपा जिलाध्यक्ष नरेश तोमर ने किया। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि “अटल जी राजनीति के आदर्श पुरुष थे। उन्होंने न केवल भारतीय राजनीति को नई दिशा दी बल्कि देशवासियों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी। आज भी उनकी वाणी, उनके विचार और उनके निर्णय हर भारतीय को प्रेरित करते हैं।”नरेश तोमर ने कहा कि अटल जी का जीवन हर कार्यकर्ता के लिए आदर्श है। “राजनीति में रहते हुए भी उन्होंने कभी शुचिता से समझौता नहीं किया। उनका मानना था कि सत्ता सेवा का माध्यम है, सत्ता सुख का साधन नहीं।”
प्रधानमंत्री के रूप में स्वर्णिम योगदान
अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। पहली बार 1996 में 13 दिन, दूसरी बार 1998 से 1999 तक 13 महीने और तीसरी बार 1999 से 2004 तक उन्होंने देश का नेतृत्व किया। उनके कार्यकाल में भारत ने पोखरण परमाणु परीक्षण किया जिसने पूरी दुनिया को भारत की ताकत का अहसास कराया।उनकी सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू की जिससे आज लाखों गांव शहरों से जुड़े हैं। वहीं, ‘स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना’ (Golden Quadrilateral) ने भारत में राजमार्गों का नया युग शुरू किया। कश्मीर मुद्दे पर उन्होंने “इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत” के सिद्धांत को आगे रखा। यही नहीं, कारगिल युद्ध के दौरान उनके नेतृत्व ने पूरे देश को एकजुट किया।
कवि अटल की गूंज से भरा माहौल
वाजपेयी जी सिर्फ एक राजनेता ही नहीं, बल्कि एक संवेदनशील कवि भी थे। श्रद्धांजलि सभा में उनकी मशहूर कविता की पंक्तियां पढ़ी गईं, जिसने वहां मौजूद हर कार्यकर्ता को भावुक कर दिया।“हार नहीं मानूंगा,रार नई ठानूंगा,काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूं,गीत नया गाता हूं।”इन पंक्तियों को सुनकर कार्यकर्ताओं की आंखों में चमक और दिल में नया जोश उमड़ पड़ा। सभी ने ठान लिया कि वे अटल जी के विचारों को अपने जीवन में उतारेंगे।
सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने लिया संकल्प
श्रद्धांजलि सभा में भाजपा के दिग्गज नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इनमें क्षेत्रीय महामंत्री विकास अग्रवाल, पवन गर्ग, प्रफुल्ल सारस्वत, कुणाल चौधरी, मोहन सिंह, सुनील वर्मा, महेश तोमर, शशांक गुप्ता, गगन बाटला, विनोद गुप्ता, राजेश सक्सेना, सौदान सिंह, रवि खटीक, संजीव वर्मा, फैज अंसारी, प्रशांत त्यागी, शिव ठाकुर, अनिल त्यागी, कैलाश वर्मा, जतिन साहनी, प्रमोद जिंदल, श्यामेंद्र त्यागी समेत सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए।सभी ने एक स्वर में संकल्प लिया कि वे अटल जी के आदर्शों को आगे बढ़ाएंगे और उनके सपनों का नया भारत बनाने में अपनी भूमिका निभाएंगे।
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