Auraiya News: बाबा जय गुरुदेव के अनुयायियों ने निकाली भव्य रैली, शाकाहार और नशामुक्ति का दिया संदेश

Auraiya News: रैली केवल धार्मिक भावना तक सीमित नहीं रही, बल्कि समाज सुधार की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम के रूप में उभरी, जिसे स्थानीय लोगों ने सराहते हुए सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम बताया।

Ashraf Ansari
Published on: 25 Jun 2025 4:05 PM IST
Baba Jai ​​Gurudev followers hold grand rally, give message of vegetarianism and drug freedom
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बाबा जय गुरुदेव के अनुयायियों ने निकाली भव्य रैली, शाकाहार और नशामुक्ति का दिया संदेश (Photo- Newstrack)

Auraiya News: औरैया जनपद में बाबा जय गुरुदेव जी के अनुयायियों द्वारा एक विशाल शोभायात्रा एवं रैली का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में शाकाहार, नशामुक्ति, गौ रक्षा, सामाजिक एकता और जातिवाद विरोध का संदेश देना था। यह रैली दिवरी लहरापुर से आरंभ होकर फतेहपुर, नवीनमोहन, मुगिरहा, सहायल, असु, भितरागांव, गढ़ेवा, महाराजपुर, टिडवा और झबरा जैसे कई गांवों से होते हुए दिवरी स्थित श्रीकृष्ण गेस्ट हाउस तक पहुंची। इस यात्रा के दौरान रास्तेभर लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया और कई स्थानों पर जलपान व विश्राम की भी व्यवस्था की गई।

रैली में सैकड़ो की संख्या में लोग हुए शामिल

रैली में सैकड़ों की संख्या में पुरुष, महिलाएं, बुजुर्ग और युवाओं ने भाग लिया। सभी अनुयायी हाथों में बैनर, पोस्टर और तख्तियां लेकर चल रहे थे, जिन पर “शाकाहारी बनो”, “नशा छोड़ो”, “जातिवाद मिटाओ”, “गौ माता की रक्षा करो” जैसे जागरूकता संदेश लिखे थे। वातावरण में ‘बाबा जी का कहना है – शाकाहारी रहना है’ जैसे नारों की गूंज सुनाई दी। यह आयोजन पूरी तरह शांतिपूर्ण, अनुशासित और प्रेरणादायक रहा।

जागरूकता को लेकर निकाली गई रैली

कार्यक्रम आयोजक डॉ. धर्मेंद्र भारद्वाज ने बताया कि बुधवार को दिवरी के श्रीकृष्ण धाम गेस्ट हाउस में एक भव्य आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन किया जाएगा। इसमें चंधारी अहीर टाटधारी, आजमगढ़ से मुख्य वक्ता के रूप में भाग लेंगे। यह सत्संग जनमानस को आध्यात्मिक जागरूकता देने का कार्य करेगा।

इन जगहों से शामिल हुए लोग

रैली में कानपुर देहात, पानीपत, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और आजमगढ़ से आए प्रमुख अनुयायी जैसे राज नारायण तिवारी, उमेश गुप्ता, महेश शर्मा, सविता वर्मा, विमल और भोला आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।

रैली निकालने का ये था मकसद

बताते चले कि यह रैली केवल धार्मिक भावना तक सीमित नहीं रही, बल्कि समाज सुधार की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम के रूप में उभरी, जिसे स्थानीय लोगों ने सराहते हुए सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम बताया।

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