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Lucknow News: साहित्यिक संवेदना का उत्सव: डॉ. राम मनोहर मिश्र की कृतियों पर हुई गंभीर चर्चा
Lucknow News: ‘पहचान’ और ‘लाडली’ पर आधारित परिचर्चा में वक्ताओं ने मिश्र की लेखनी को बताया भावों और भाषा का सुंदर संगम, साहित्य और वित्तीय जागरूकता पर संवाद।
Lucknow News (Social Media image)
Lucknow News: सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और साहित्यकार डॉ. राम मनोहर मिश्र की साहित्यिक कृतियों पर आधारित एक गरिमामय परिचर्चा शनिवार को दयाल पैराडाइज, गोमती नगर में आयोजित की गई। इस अवसर पर उनकी दो महत्वपूर्ण कृतियों—‘पहचान’ और ‘लाडली’ पर गंभीर और सारगर्भित चर्चा की गई। वक्ताओं ने मिश्र की रचनाओं को संवेदनाओं की सूक्ष्मतम अभिव्यक्ति बताते हुए उनके साहित्यिक योगदान की सराहना की।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि वरिष्ठ आईएएस हरिकांत त्रिपाठी, स्टॉककार्ट के प्रबंध निदेशक शशांक गुप्ता, और अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात साहित्यकार दयानंद पांडेय ने की।
भावनाओं का गूढ़ संप्रेषण है ‘लाडली’ और ‘पहचान’
विशिष्ट अतिथि विजय प्रसाद त्रिपाठी ने ‘लाडली’ को खण्डकाव्य का उत्कृष्ट उदाहरण बताते हुए कहा कि इसकी नायिका ‘नव्या’ अंग्रेजी काव्य की लूसी से भी आगे जाती है। उन्होंने मिश्र की भाषा को संस्कृतनिष्ठ और छंदमुक्त शैली में भी लयबद्ध बताया।
वहीं, बलदेव त्रिपाठी ने ‘पहचान’ को मानवीय संवेदनाओं का सुंदर चित्रण बताते हुए ‘उदासी’ और ‘कैनवास’ जैसी कविताओं को उद्धृत किया। उन्होंने कहा कि मिश्र की कविता पाठक को अनुभव और आत्मचिंतन की यात्रा पर ले जाती है।
लेखनी से संवेदना तक की यात्रा
दयानंद पांडेय ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में डॉ. मिश्र की भावभूमि और साहित्यिक दृष्टिकोण की सराहना करते हुए उन्हें संवेदना का सजग प्रहरी बताया। उन्होंने कहा कि मिश्र की कविताएं आधुनिकता के मध्य भारतीय परंपरा और संस्कृति का संतुलन बनाए रखती हैं।
परिचर्चा से पहले डॉ. राम मनोहर मिश्र ने अपने रचनाकर्म की प्रेरणा और यात्रा साझा करते हुए बताया कि वर्ष 1979 में उन्होंने कादंबिनी पत्रिका की समस्यापूर्ति विधा से लिखना शुरू किया था। उन्होंने इस अवसर पर सभी अतिथियों और श्रोताओं के प्रति आभार प्रकट किया।
वित्तीय सत्र में दी गईं जीवन उपयोगी जानकारियां
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में वित्तीय प्रबंधन पर चर्चा हुई, जिसमें जीवन में वित्तीय सजगता और प्रबंधन के महत्व को रेखांकित किया गया। लोगों को वित्तीय उत्पादों और योजना संबंधी उपयोगी जानकारियां भी दी गईं।
उल्लेखनीय उपस्थिति
इस अवसर पर कई गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही जिनमें शामिल थे:
अमरनाथ उपाध्याय (आईएएस), बालेन्दु द्विवेदी (अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी), डॉ. अरविन्द चतुर्वेदी (आईपीएस), डॉ. अशोक चन्द्रा (आईएएस), चंद्रिका प्रसाद तिवारी (सेवानिवृत्त आईएएस), प्रतिभा मिश्रा, डॉ. एस.के. गोपाल (पूर्व संपादक, छायानट), सुधा द्विवेदी सहित कई प्रतिष्ठित साहित्यप्रेमी।
कार्यक्रम का संचालन सुशील चंद्र श्रीवास्तव ने किया और आयोजन समिति की ओर से डॉ. मिश्र का अभिनंदन किया गया।
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