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Hapur News: डीआईजी कलानिधि नैथानी ने ली प्रशिक्षु आरक्षियों की क्लास, कहा – "पुलिस सेवा नहीं, जनसेवा है"
Hapur News: डीआईजी ने आरक्षियों को स्पष्ट संदेश दिया कि पुलिस की नौकरी केवल वर्दी पहनने की नहीं, बल्कि जनता के लिए समर्पित सेवा की जिम्मेदारी है।
डीआईजी कलानिधि नैथानी ने ली प्रशिक्षु आरक्षियों की क्लास (photo: social media )
Hapur News: मेरठ रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) कलानिधि नैथानी ने शनिवार को हापुड़ स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (RTC) का दौरा किया। उन्होंने वहाँ प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 197 रिक्रूट आरक्षियों (कांस्टेबलों) से सीधा संवाद किया और उनकी दिनचर्या, ट्रेनिंग प्रणाली, थाना प्रबंधन और कानून व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं की गहन जानकारी ली। डीआईजी ने आरक्षियों को स्पष्ट संदेश दिया कि पुलिस की नौकरी केवल वर्दी पहनने की नहीं, बल्कि जनता के लिए समर्पित सेवा की जिम्मेदारी है।
डीआईजी नैथानी ने सबसे पहले प्रशिक्षण केंद्र की मैस (भोजनालय) का निरीक्षण कर भोजन की गुणवत्ता को परखा। इसके बाद उन्होंने बैरकों में जाकर साफ-सफाई और मूलभूत सुविधाओं की स्थिति की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त बनाए रखने के निर्देश दिए।
"जनसेवा" का महत्वपूर्ण मंत्र दिया
गोष्ठी के दौरान, डीआईजी नैथानी ने आरक्षियों को "जनसेवा" का महत्वपूर्ण मंत्र दिया। उन्होंने कहा, "आप कानून के रखवाले तो हैं ही, लेकिन इससे भी ज्यादा आप जनता की सेवा में तैनात हैं। पुलिसिंग का मतलब डर पैदा करना नहीं, बल्कि लोगों को सुरक्षा और भरोसा देना है।" उन्होंने अनुशासन, पारदर्शिता, संवेदनशीलता और सेवा भाव को पुलिस की पहचान बताया।
डीआईजी ने प्रशिक्षुओं को कंप्यूटर शिक्षा, संविधान, भारतीय न्याय संहिता (BNS) और बीएनएस सहायक अधिनियम (BNSS) जैसे इंडोर विषयों की भी जानकारी दी। उन्होंने एफआईआर, एनसीआर, बीट प्रणाली, चौकी प्रबंधन और थाना संचालन प्रणाली की बारीकियों पर प्रकाश डाला, साथ ही बीएनएसएस की धारा 170, 126 और 135 जैसी निरोधात्मक धाराओं की व्याख्या भी की।
डीआईजी द्वारा पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया
प्रशिक्षण के दौरान विशेष जानकारी व रुचि दिखाने वाले आरक्षी संतोष कुमार, बोबी कुमार और हेमंत प्रताप को डीआईजी द्वारा पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। उन्होंने इन आरक्षियों को "रोल मॉडल" बताते हुए सभी प्रशिक्षुओं को उनसे प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। डीआईजी नैथानी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रशिक्षुओं को थाना भ्रमण भी कराया जाए, ताकि वे जमीनी स्तर की कार्यशैली, जैसे केस दर्ज करना, विवेचना, जनसुनवाई और जन संवाद की तकनीकें समझ सकें।
आरक्षियों को संबोधित करते हुए डीआईजी ने "पुलिस परिवार" की भावना को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "हम सब एक पुलिस परिवार का हिस्सा हैं। एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ रहना, सहयोग और सद्भावना से काम करना ही इस सेवा की आत्मा है।" उन्होंने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की अपार संभावनाओं की भी बात की। इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक विनीत भटनागर, सीओ पिलखुवा एवं पुलिस लाइन अनीता चौहान, और प्रशिक्षण केंद्र के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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