Hapur News: हापुड़ में उर्वरक कालाबाजारी पर प्रशासन का शिकंजा: चार फर्मों के लाइसेंस निरस्त, 42 मीट्रिक टन उर्वरक की अवैध बिक्री पर FIR दर्ज

Hapur News: प्रशासन द्वारा की गई जांच में सामने आया कि इन फर्मों ने कुल 42 मीट्रिक टन अनुदानित उर्वरक — जिनमें नीम कोटेड यूरिया, डीएपी और अन्य उर्वरक शामिल हैं — को जनपद से बाहर अवैध तरीके से भेजा था।

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Published on: 25 July 2025 9:54 PM IST
Hapur News: हापुड़ में उर्वरक कालाबाजारी पर प्रशासन का शिकंजा: चार फर्मों के लाइसेंस निरस्त, 42 मीट्रिक टन उर्वरक की अवैध बिक्री पर FIR दर्ज
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हापुड़ में उर्वरक कालाबाजारी पर प्रशासन का शिकंजा   (photo: social media )

Hapur News: किसानों को मिलने वाले अनुदानित उर्वरकों की कालाबाजारी के खिलाफ हापुड़ जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय के निर्देश पर जनपद की चार उर्वरक विक्रेता फर्मों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं और उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। इन फर्मों पर आरोप है कि उन्होंने सब्सिडी वाले उर्वरक को जनपद से बाहर दिल्ली और अन्य जिलों में बेचकर न सिर्फ नियमों का उल्लंघन किया, बल्कि किसानों के हितों के साथ भी खिलवाड़ किया।

प्रशासन द्वारा की गई जांच में सामने आया कि इन फर्मों ने कुल 42 मीट्रिक टन अनुदानित उर्वरक — जिनमें नीम कोटेड यूरिया, डीएपी और अन्य उर्वरक शामिल हैं — को जनपद से बाहर अवैध तरीके से भेजा था। यह उर्वरक केवल जनपद के किसानों के लिए निर्धारित थे, लेकिन इन फर्मों ने नियमों की अनदेखी कर इन्हें ऊँचे दामों में अन्य स्थानों पर बेचा।

जिन फर्मों के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं, उनके नाम निम्नलिखित हैं:

मै. दुर्गा ट्रेडिंग कंपनी (प्राइवेट होलसेलर)

मै. दुर्गा ट्रेडिंग कंपनी (प्राइवेट रिटेलर) (दोनों के प्रोपराइटर: विकास कुमार अग्रवाल)

मै. चेतन प्रकाश एंड कंपनी (प्राइवेट होलसेलर)

मै. साईं ट्रेडिंग कंपनी (प्राइवेट रिटेलर) (दोनों के प्रोपराइटर: विवेक अग्रवाल)

जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय ने स्पष्ट किया कि किसानों को समय पर, उचित मूल्य पर और गुणवत्तापूर्ण उर्वरक उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जो भी विक्रेता या फर्म इस व्यवस्था में बाधा डालने का प्रयास करेगा, उसके खिलाफ सख्त विधिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में अन्य फर्मों की भी निगरानी की जाएगी और यदि कोई दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ भी कठोर कदम उठाए जाएंगे।

प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद जनपद में उर्वरक व्यापारियों में हड़कंप मच गया है, वहीं किसान संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि लंबे समय से कुछ फर्में अनुदानित उर्वरकों की काला बाजारी कर किसानों को लूटने का काम कर रही थीं। अब प्रशासन की इस कार्रवाई से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और किसानों को उनका हक मिलेगा।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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