Hapur News: गंगा उफान पर, 12 साल का रिकॉर्ड टूटा, कई गांवों में बाढ़ का खतरा, राहत कार्य तेज

Hapur News: गढ़मुक्तेश्वर और ब्रजघाट के बीच बसे रामपुर न्यामतपुर, कुदैनी मंढैया, चक लठीरा, गढ़ावली, नयाबांस, आलमपुर भगवंतपुर समेत कई गांवों के खेत, जंगल और रास्ते पानी में डूब गए हैं।

Avnish Pal
Published on: 9 Aug 2025 8:17 PM IST (Updated on: 9 Aug 2025 8:55 PM IST)
Ganga water levels continue to rise rapidly breaking 12-year record this time
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गंगा का जलस्तर इस बार 12 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए तेजी से बढ़ रहा (Photo- Newstrack)

Hapur News: गंगा का जलस्तर इस बार 12 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए तेजी से बढ़ रहा है। बीते 24 घंटों में पानी का स्तर बाढ़ के खतरे के निशान को पार कर 24 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया। शनिवार को जलस्तर 199.57 मीटर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 199.33 मीटर है। इस बढ़ोतरी से गंगा खादर के एक दर्जन से अधिक गांवों में दहशत फैल गई है।

हजारों लोग बाढ़ की चपेट में आने की आशंका

गढ़मुक्तेश्वर और ब्रजघाट के बीच बसे रामपुर न्यामतपुर, कुदैनी मंढैया, चक लठीरा, गढ़ावली, नयाबांस, आलमपुर भगवंतपुर समेत कई गांवों के खेत, जंगल और रास्ते पानी में डूब गए हैं। करीब 40 हजार लोगों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। मेला रोड पर काठ की पुलिया तक पानी पहुंचने से ग्रामीणों की आवाजाही मुश्किल हो गई है।


घर और खेत जलमग्न, फसलें चौपट

पानी गांवों के भीतर घुसने लगा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों और दर्जनों घरों में जलभराव से लोग पलायन की तैयारी में हैं। सैकड़ों एकड़ में खड़ी फसलें और पशुओं का चारा बर्बाद हो चुका है। कई जगह पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।

प्रशासन ने बढ़ाई सक्रियता

स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने राहत चौकियां स्थापित कर दी हैं। आलमपुर भगवंतपुर गुरुद्वारे, इनायतपुर प्राथमिक विद्यालय, नक्का कुआं, मीरारेती और ब्रजघाट नगरपालिका कार्यालय में बाढ़ चौकियां संचालित हैं। यहां प्रभावित लोगों के लिए ठहरने, भोजन और स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था की गई है।

डीएम का दौरा, खाने के पैकेट वितरित

डीएम अभिषेक पांडेय ने शनिवार को खादर क्षेत्र का दौरा कर जलस्तर और बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने गंगा किनारे बसे सभी संवेदनशील गांवों में पैदल पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की। सिंचाई विभाग से जलस्तर की रिपोर्ट ली और मानचित्र पर प्रभावित इलाकों की समीक्षा की।राहत कार्यों के तहत प्रशासनिक टीम ने प्रभावित परिवारों को खाने के पैकेट वितरित किए। स्वास्थ्य विभाग और पशु चिकित्सा विभाग को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में शिविर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। पंचायत विभाग को जल निकासी और एंटी-लार्वा छिड़काव के आदेश दिए गए हैं।

ग्रामीणों को चेतावनी और आश्वासन

डीएम ने ग्रामीणों से कहा कि कोई भी व्यक्ति या मवेशी गंगा के बहाव क्षेत्र में न जाए। उन्होंने आश्वासन दिया कि हर संभव मदद और सुरक्षा उपाय किए जाएंगे। राजस्व टीमें लगातार क्षेत्र में निगरानी रख रही हैं और हालात पर पल-पल नजर है।

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