Hardoi News: दिवाली-भाईदूज के बाद हरदोई स्टेशन पर दिल्ली-लुधियाना रूट की ट्रेनों में भारी भीड़

Hardoi News: दिवाली और भाईदूज के बाद हरदोई स्टेशन पर दिल्ली और लुधियाना जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़, यात्रियों को सफर में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

Pulkit Sharma
Published on: 24 Oct 2025 6:39 PM IST
Hardoi News: दिवाली-भाईदूज के बाद हरदोई स्टेशन पर दिल्ली-लुधियाना रूट की ट्रेनों में भारी भीड़
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Hardoi News: दिवाली और भाईदूज का त्योहार समाप्त होते ही एक बार फिर उत्तर भारत के बड़े शहरों की ओर लौटने वाली यात्रियों की भीड़ बढ़ गई है। हरदोई रेलवे स्टेशन पर सोमवार से ही दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम दिशा में जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों की संख्या सामान्य दिनों के मुकाबले कई गुना अधिक देखने को मिल रही है। स्थिति इतनी भीड़भाड़ वाली हो गई कि जनरल डिब्बों में तो पांव टिकाना भी मुश्किल साबित हो रहा है।

प्लेटफॉर्म पर ट्रेनों के रुकते ही यात्रियों की होड़ मच जाती है और अंदर घुसने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है।त्योहारी सीजन में छुट्टी बिताकर वापस अपनी नौकरी, कारोबार या पढ़ाई पर लौटने वाले यात्रियों की भीड़ के कारण हरदोई स्टेशन पर सुबह और शाम के समय खासी अव्यवस्था देखने को मिल रही है। सबसे अधिक दबाव दिल्ली रूट की ट्रेनों पर देखने को मिला है। लंबे सफर वाले यात्री सीट न मिलने के कारण फर्श, गेट और शौचालय के नजदीक तक बैठने को मजबूर हो रहे हैं। महिलाओं और बुजुर्गों को तो चढ़ने-उतरने में अतिरिक्त परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

हरदोई से दिल्ली की ओर रेल यातायात पहले से ही दबाव में रहता है

रेल प्रशासन ने दावा किया था कि त्योहारों के समय विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाएगा ताकि यात्रियों को राहत मिले, मगर व्यवहारिक स्तर पर इसका फायदा यात्रियों को पूरी तरह मिलता नहीं दिख रहा। कुछ स्पेशल ट्रेनें मार्ग से निकली भी, मगर भीड़ इतनी अधिक रही कि वे भी ओवरलोड हो गईं। जिन यात्रियों ने आरक्षण करवाने की कोशिश की, उन्हें भी वेटिंग के चलते कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कई लोग तत्काल टिकट की उम्मीद में रेलवे काउंटरों का चक्कर लगाते दिखे, लेकिन भारी संख्या की वजह से टिकट मिलना लगभग असंभव रहा।स्थानीय यात्रियों का कहना है कि हरदोई से दिल्ली की ओर रेल यातायात पहले से ही दबाव में रहता है।

त्योहार के बाद यह दबाव और बढ़ जाता है, ऐसे में यदि अस्थायी की जगह तीन से पाँच दिनों तक अतिरिक्त कोच या अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था की जाए, तो यात्रियों को राहत मिल सकती है। मगर मैदान स्तर पर ऐसी कोई गंभीर तैयारी नजर नहीं आती।यात्रियों के अनुसार, भीड़ प्रबंधन के लिए रेल कर्मचारियों को प्लेटफॉर्म पर तैनात अवश्य देखा गया, लेकिन यात्रियों की बढ़ी संख्या के मुकाबले यह व्यवस्था अपर्याप्त रही। अधिकांश यात्री यह कहते दिखाई दिए कि त्योहार के दौरान तो यात्रियों की संख्या बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन रेलवे को भी पहले से तैयारियां करनी चाहिए थीं ताकि आम यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े।

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