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150 मर्दों से मेरे संबंध... शख्स की बातें सुन सभी रह गये दंग, प्रेमानंद महाराज ने सहज भाव में बताया समाधान
Premanand Ji Maharaj: एक भक्त प्रेमानंद जी महाराज के समक्ष अपना दुख लेकर पहुंचा। जब उसने अपनी बात प्रेमानंद जी महाराज के सामने रखी तो वहां मौजूद सभी लोग दंग रहे गये।
Premanand Ji Maharaj
Premanand Ji Maharaj: संत प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त उनके पास जाते हैं और अपनी समस्याओं को उन्हें बताते है। समस्या चाहे जैसी भी हो। प्रेमानंद जी महाराज बड़ी ही सहजता के साथ उसको सुनते है और निवारण भी करते हैं। ऐसा ही एक भक्त प्रेमानंद जी महाराज के समक्ष अपना दुख लेकर पहुंचा। जब उसने अपनी बात प्रेमानंद जी महाराज के सामने रखी तो वहां मौजूद सभी लोग दंग रहे गये। लेकिन महाराज ने उस भक्त के परेशान मन को बड़ी ही सहजता से शांत कर दिया। उन्हें बेहद सरल और सहज तरीके से उसकी समस्या का निराकरण किया।
प्रेमानंद जी महाराज के सामने पहुंचे शख्स ने कहा कि महाराज! मैं समलैंगिक हूं और अब तक 150 से ज्यादा मर्दों के साथ मैं संबंध बना चुका हूं। लेकिन मैं खुश नहीं हूं। मैं इस रास्ते को छोड़ना चाह रहा हूं। आप ही मुझे राह दिखाएं कि किस तरह मैं इन सब चीजों से बाहर निकल सकूं। शख्स की बातें सुनकर वहां मौजूद सभी लोग दंग रहे गये। लेकिन प्रेमानंद जी महाराज ने मुस्कुराते हुए कहा कि जब आपको यह चीज पसंद नहीं है।
यह केवल आपके दिमाग में जमा बैठा हुआ है। यह आपकी उपज भी नहीं है। इससे आपको खुद ही लड़कर बाहर आना होगा। वरना यह आपकी छवि को खराब कर सकता है। ऐसे में आपको अपने अंदर आत्मविश्वास जगाना होगा। उन्होंने कहा कि हमें यह शरीर संसार से जीतने के लिए दिया गया है न कि संसार से मिट जाने के लिए। प्रेमानंद जी महाराज की यह बातें सुनकर भक्त बेहद शांत हो गया। उसने तुरंत कहा कि महाराज जी! मैं आपकी इस बात का हमेशा ध्यान रखूंगा।
जीवन में बदलाव के दिये पांच मंत्र
एक अन्य भक्त के सवाल पर प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि जीवन में इन पांच मंत्रों का ध्यान रखें जिससे चमत्कार जरूर हो जाएगा। इस मंत्र से किसी का भी कोई अमंगल नहीं होगा। उन्होंने बताया कि सुबह उठकर सबसे पहले ठाकुर जी के चरणों को छुओ। चरणामृत पिओ। ठाकुर जी के चरणामृत पीने से कभी भी अकालमृत्यु नहीं होगी। इसके साथ ही सभी रोगों का नाश हो जाएगा।
दूसरा नियम यह है कि जब भी घर से बाहर निकलो 11 बार ‘कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने’ मंत्र जप जरूर करो। इससे आपके साथ कभी कुछ बुरा नहीं होगा। कोई भी दुर्घटना नहीं होगी। तीसरा नियम दिन में एक बार कभी भी 20-30 मिनट घर में संकीर्तन जरूर करें। जितना आनंदमय होकर भजन कीर्तन करेंगे। उतना ही जीवन सुगम हो जाएगा और अच्छा महसूस होगा। चौथा नियम 11 बार ठाकुर जी के दंडवत प्रणाम जरूर करें। जो शख्स ठाकुर जी के चरणों में प्रणाम करता है। उसका पुनर्जन्म नहीं होता है। पांचवा नियम वृंदावन की रज अपने माथ पर जरूर लगाना चाहिए। इससे सारे दुख और संकट दूर हो जायेंगे।
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