TRENDING TAGS :
ईरान के सुप्रीम लीडर का UP के इस जिले से है गहरा संबंध, आज भी रहती है सातवीं पीढ़ी, नाम के आगे ’हिन्दी’ जोड़ जीवित रखा भारत से रिश्ता
Mahoba News: खामेनेई के मार्गदर्शक और ईरान में इस्लामिक क्रांति के जनक अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी का रिश्ता उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद के चरखारी कस्बे से जुड़ा हुआ है।
mahoba news
Mahoba News: ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन तक चले संघर्ष पर भले ही विराम लग गया हो। लेकिन इन 12 दिनों तक चले युद्ध ने पूरी दुनिया की निगाहें अपनी तरफ खींची। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई सर्वाधिक चर्चा में रहे। खामेनेई के मार्गदर्शक और ईरान में इस्लामिक क्रांति के जनक अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी का रिश्ता उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद के चरखारी कस्बे से जुड़ा हुआ है। आज भी महोबा के चरखारी के मोहल्ला तुर्कियाना स्थित गोलाघाट में खुमैनी की सातवीं पीढ़ी निवास कर रही है। ईरान-इजरायल युद्ध के बीच परिवार के सदस्य ने पूरी कहानी विस्तार से बतायी।
खुमैनी का परिवार ने क्या कहा
परिवार के सदस्य सैयद अली फरहान काजमी ने बताया कि बाराबंकी जनपद के किंतुर गांव से उनके पूर्वज महोबा के चरखारी में आकर बस गये थे। साल 1830 में उनके चाच जात दादा सैय्यद अहमद हुसैन मुसवी हिन्दी ईरान के खुमैन शहर में हजरत अली के रोजे की ज़ियारत करने को गये थे। लेकिन वह वहीं पर बस गये। हालांकि उन्होंने अपने नाम के आगे ’हिन्दी’ शब्द जोड़ भारत से अपने रिश्ते को जीवित रखा। साल 1902 में खुमैन में ही सैय्यद अहमद हुसैन मुसवी के वंशज रूहोल्लाह खुमैनी का जन्म हुआ।
खुमैनी ने साल 1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति का नेतृत्व किया और शाह रजा पहलवी की सत्ता को जड़ से उखाड़ फेंका। उन्होंने ईरान को इस्लामी गणराज्य बना दिया। साल 1989 में रूहोल्लाह खुमैनी के इंतकला हो जाने के बाद उनके प्रिय शिष्य अयातुल्ला अली खामेनेई ने ईरान की सुप्रीम लीडर का पद संभाला। ईरान के सुप्रीम लीडर आज भी अपने गुरु और हमारे पूर्वज खुमैनी के नक्शेकदम पर चलकर ईरान की हिफाजत कर रहे हैं। फरहान काजमी का कहना है कि अमेरिका और इजरायल मिलीभगत कर ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने का षड़यंत्र रच रहे हैं। जिस तरह कभी भारत के लिए भी किया गया था। उन्होंने कहा कि ईरान सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge