Jaunpur News: फर्जी नामांकन और सरकारी धन के गबन का आरोप: प्राथमिक विद्यालय बरैयां पर उठे गंभीर सवाल शिकायतकर्ता ने डीएम से निष्पक्ष जांच की मांग की

Jaunpur News: ऐसा ही एक गंभीर मामला प्राथमिक विद्यालय बरैयां से सामने आया है, जहां फर्जी नामांकन कर सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है।

Nilesh Singh
Published on: 29 July 2025 4:36 PM IST
Jaunpur News: फर्जी नामांकन और सरकारी धन के गबन का आरोप: प्राथमिक विद्यालय बरैयां पर उठे गंभीर सवाल शिकायतकर्ता ने डीएम से निष्पक्ष जांच की मांग की
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 Jaunpur primary school scam

Jaunpur News: उत्तर प्रदेश सरकार जहां एक ओर शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने के लिए लगातार कड़े कदम उठा रही है, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी कह रही है। प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की वास्तविक संख्या को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। ऐसा ही एक गंभीर मामला प्राथमिक विद्यालय बरैयां से सामने आया है, जहां फर्जी नामांकन कर सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 50 से भी कम होने के बावजूद, अभिलेखों में 76 बच्चों के नाम दर्ज हैं। शिकायतकर्ता राजकिशोर पांडे ने इस संबंध में आईजीआरएस के माध्यम से खंड शिक्षा अधिकारी बदलापुर को शिकायत की थी, लेकिन आरोप है कि निचले स्तर पर मामले की लीपापोती की जा रही है। इसी कारण शिकायतकर्ता ने 29 जुलाई 2022 को जिलाधिकारी जौनपुर को लिखित शिकायत देकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की।

शिकायत में बताया गया है कि वर्ष 2021-22 में 156 और 2022-23 में 168 बच्चों को मिड डे मील, छात्रवृत्ति, ड्रेस, किताबें आदि का लाभ मिला, जबकि सूचना का अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2021-22 में केवल 63 और 2022-23 में 37 बच्चों का ही विवरण दर्ज है।सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका कुसुम देवी और शिक्षक आशीष सिंह ने अपने बच्चों के नाम भी सरकारी विद्यालय में दर्ज करा रखे थे, जबकि वे निजी विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे थे। कुसुम देवी की पुत्री यशस्वी पांडे सेंट जेवियर्स स्कूल, बदलापुर में तथा आशीष सिंह के पुत्र आज़ाद विक्रम सिंह नवोदय विद्यालय, रामीपुर में अध्ययनरत थे।

शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि कुसुम देवी वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक कार्यवाहक प्रधानाचार्य रहीं और इसी दौरान नामांकन में व्यापक गड़बड़ी कर मिड डे मील, ड्रेस, बैग, किताब जैसी योजनाओं के तहत मिले सरकारी धन का गबन किया गया।शिकायतकर्ता का आरोप है कि खंड शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार पांडे ने 22 जुलाई 2025 को शाम 5 बजे उन्हें बुलाकर लगभग डेढ़ घंटे तक बातचीत की, लेकिन किसी दस्तावेज़ की समीक्षा नहीं की और शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया।इसके अतिरिक्त, शिकायतकर्ता ने प्राथमिक विद्यालय बरैयां के अलावा आसपास के निजी विद्यालयों से भी 2016 से अब तक के छात्रों की सूची मांगी है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि संबंधित बच्चे वास्तव में कहां पढ़ रहे थे।

अब शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि इस पूरे प्रकरण की जांच बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखनाथ पटेल की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय टीम से कराई जाए, जिससे शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो सके।इस संबंध में जब खंड शिक्षा अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि दोनों शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है और यह मामला वर्ष 2022 का है।

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Shalini Rai

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