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मुलायम सिंह की बहू ने विद्यालयों के विलय पर जताया विरोध, डीएम को लिखा पत्र
UP News: सांसद डिंपल यादव ने डीएम मैनपुरी को भेजे गये पत्र में लिखा है कि इस निर्णय से शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह से कमजोर हो जाएगी और इससे शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
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UP News: समाजवादी पार्टी की सांसद और दिवंगत मुलायम सिंह यादव की बहू डिंपल यादव ने योगी सरकार के विद्यालयों के मर्जर करने के निर्णय का विरोध किया है। उन्होंने सरकार के इस निर्णय को नौनिहालों के भविष्य पर खतरा और शिक्षण व्यवस्था को कमजोर करने वाला करार दिया। साथ हीं सांसद डिंपल यादव ने मैनपुरी के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर विद्यालयों के विलय किये जाने के निर्णय पर चिंता जतायी है। उन्होंने पत्र में कहा है कि विद्यालयों का मर्जर का कदम हजारों बच्चों के भविष्य का प्रभावित करेगा।
सांसद डिंपल यादव ने डीएम मैनपुरी को भेजे गये पत्र में लिखा है कि इस निर्णय से शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह से कमजोर हो जाएगी और इससे शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। पत्र में उन्होंने आगे लिखा कि इस निर्णय से पहले बच्चों के अभिभावकों से कोई लिखित सहमति नहीं ली गयी और न ही फैसले के बारे में पहले से उन्हें कोई सूचना ही दी गयी। यह न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता की कमी को दर्शाता है बल्कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया की भी अनदेखी है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए पत्र में लिखा कि सरकार एक तरफ तो सुलभ और बेहतर शिक्षा की बात करती है। वहीं दूसरी तरफ स्कूलों के विलय कर अभिभावकों और बच्चों को परेशान कर रही है।
सांसद ने डीएम से पूछे सात सवाल
मैनपुरी सांसद डिंपल यादव ने जिलाधिकारी को विद्यालयों के विलय को लेकर सात सवाल पूछे हैं और उनके जवाब भी मांगे हैं।
जातिगत वर्गीकरण एससी, एसटी, ओबीसी और सामान्य वर्ग के कितने छात्र विद्यालयों के विलय से प्रभावित होंगे।
विद्यालयों के बंद किये जाने के बाद वैकल्पिक तौर पर परिवहन व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है या नहीं?
शासन के इस आदेश से प्रभावित छात्रों का आय स्तर के आधार पर वर्गीकरण।
विद्यालयों के विलय से पूर्व अभिभावकों से निर्णय पर कोई लिखित आपत्ति या सहमति ली गयी या नहीं। यदि ऐसा किया गया है तो दस्तावेजों उपलब्ध कराये जाएं।
जिन विद्यालयों का विलय किया गया है उनमें पहले से कार्य कर रहे शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, रसोइयों और अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को कहां नियुक्ति दी गयी। इस विवरण दें।
चतुर्थ श्रेणी कर्मियों में कितन कर्मचारी ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर तैनात हुए। इसका विवरण दे। सांसद ने कहा कि इन सभी सवालों का जवाब देना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
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