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Jaunpur News: स्व. एस.पी. गुप्ता की स्मृति में विधि पुस्तकालय का नामकरण, बहुमूल्य ग्रंथों से समृद्ध हुआ संस्थान

Jaunpur News: सुप्रसिद्ध समाजसेवी अरुणिमा परोलिया जी द्वारा विश्वविद्यालय को विधि से संबंधित हजारों बहुमूल्य ग्रंथ एवं 65 बुकसेल्फ़ दान स्वरूप प्रदान किए गए हैं, जिससे यह पुस्तकालय और अधिक उपयोगी एवं समृद्ध हो गया है। इसमें 1000 से अधिक पुस्तक हैं।

Neelesh Singh
Published on: 14 Jun 2025 5:16 PM IST
Jaunpur News: स्व. एस.पी. गुप्ता की स्मृति में विधि पुस्तकालय का नामकरण, बहुमूल्य ग्रंथों से समृद्ध हुआ संस्थान
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स्व. एस.पी. गुप्ता की स्मृति में विधि पुस्तकालय का नामकरण   (photo: social media )

Jaunpur News: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान में संचालित पूर्ववर्ती विधि पुस्तकालय को अब "एस०पी०गुप्ता मेमोरियल विधि पुस्तकालय" के नाम से जाना जाएगा। इस पुस्तकालय को सुव्यवस्थित एवं समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जिसके अंतर्गत इस पुस्तकालय को वरिष्ठ अधिवक्ता स्व. एस.पी. गुप्ता की पुण्य स्मृति में उनके नाम से समर्पित किया जा रहा है। साथ ही, सुप्रसिद्ध समाजसेवी अरुणिमा परोलिया जी द्वारा विश्वविद्यालय को विधि से संबंधित हजारों बहुमूल्य ग्रंथ एवं65 बुकसेल्फ़ दान स्वरूप प्रदान किए गए हैं, जिससे यह पुस्तकालय और अधिक उपयोगी एवं समृद्ध हो गया है। इसमें 1000 से अधिक पुस्तक हैं।

इस अवसर पर अरुणिमा परोलिया जी का संस्थान में आगमन हुआ। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कृष्णा परोलिया एवं अरुणिमा परोलिया के साथ पुस्तकालय का अवलोकन किया। कुलपति ने इस प्रेरणादायी दान की सराहना करते हुए इसे विद्यार्थियों, शोधार्थियों तथा संकाय सदस्यों के लिए एक बहुमूल्य शैक्षिक संसाधन बताया।

भावनात्मक एवं गौरवपूर्ण क्षण

अपने संबोधन में अरुणिमा परोलिया जी ने कहा कि यह उनके लिए एक भावनात्मक एवं गौरवपूर्ण क्षण है कि वे अपने पूज्य पिताजी की स्मृति में यह योगदान दे रही हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये पुस्तकें विधि विद्यार्थियों और शोधार्थियों के शैक्षिक व बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

गौरतलब है कि स्व. एस.पी. गुप्ता भारतीय विधिक जगत की एक प्रतिष्ठित एवं सम्मानित हस्ती रहे हैं। उन्होंने वर्ष 1951 से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकालत प्रारंभ की थी और 1979 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित हुए। वे दो बार उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। संविधान, प्रशासनिक एवं सेवा कानून तथा विधिक सुधारों के क्षेत्र में उनका गहन ज्ञान एवं योगदान अत्यंत अनुकरणीय रहा है। वे न्यायिक सुधारों और विधिक शिक्षा के प्रबल समर्थक थे तथा समाज में न्याय सुलभ कराने हेतु सदैव प्रयासरत रहे।

उनकी स्मृति में नामित यह पुस्तकालय मात्र एक भौतिक संरचना नहीं, बल्कि उनकी बौद्धिक और नैतिक विरासत का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों को न्याय, ज्ञान और मूल्यों के मार्ग पर निरंतर प्रेरित करता रहेगा।

योगदान को "ज्ञान और विरासत का प्रेरणास्रोत" बताया

इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार ने परोलिया परिवार के प्रति गहन आभार व्यक्त करते हुए इस योगदान को "ज्ञान और विरासत का प्रेरणास्रोत" बताया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रो. राजकुमार सोनी, विधि संकाय के शिक्षकगण डॉ. अनुराग मिश्र, डॉ. राजन तिवारी, प्रगति सिंह, डॉ. शुभम सिंह सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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