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किशोर की हत्या: ताई और भाई ने मिलकर अंजाम दिया घटना, हसिया से गला और लिंग काटकर शव भूसे में दबाया
Jhansi News : झांसी के बबीना में जेवरात और जमीन के विवाद में किशोर साहिल की ताई और भाई ने मिलकर की हत्या, पुलिस ने मामले की जांच शुरू की
Jhansi Babiina Murder ( Image From Social Media )
Jhansi News : जेवरात और जमीनी विवाद के चलते परिजन ही घर के सदस्य हत्यारे बन गए। ऐसा ही एक मामला बबीना थाना क्षेत्र के पंचायतपुरा में सामने आया है। ताई और भाई ने मिलकर एक किशोर की हत्या कर दी। घटना में हसिया से गला और लिंग काटकर शव को भूसे में दबा दिया गया।मामले की सूचना मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया।बबीना थाना क्षेत्र के पंचायतपुरा में रंजीत यादव परिवार के साथ रहते हैं।
रंजीत का एक पुत्र और एक पुत्री है। रंजीत इंडोगोल्फ में मजदूरी करते हैं। सोमवार को दोपहर में उनका 12 वर्षीय बेटा साहिल खेत में भैंस चराने गया था। इसके बाद उसका कोई पता नहीं चला। शाम को जब साहिल घर नहीं लौटे, तो रंजीत और उनकी पत्नी ने गांव के लोगों से जानकारी ली, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
आखिरकार, परिवार के सदस्य भूसे वाले कमरे पहुंचे, जो बाहर से बंद था। जैसे ही दरवाजा खोला गया, साहिल का शव भूसे पर पड़ा मिला। उसका गला रेंता हुआ और लिंग भी कटा हुआ था। घटना की सूचना मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया। रंजीत और उनकी पत्नी रोने लगे।पुलिस ने तुरंत कार्यवाही की। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति, एसपी सिटी प्रीति सिंह, सीओ सदर और बबीना थाना प्रभारी तुलसीराम पांडेय मौके पर पहुंचे। उन्होंने फॉरेंसिक टीम से वीडियो रिकॉर्डिंग करवाई और साहिल के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
रंजीत का वंश खत्म करने की धमकी
रंजीत ने बताया कि उनकी भाभी मंजू यादव अक्सर कहती रहती थीं कि “तेरे वंश को खत्म कर देंगे।” रंजीत के अनुसार, भाभी मंजू ने बड़े भाई रुपसिंह के बेटे सत्येंद्र सिंह के साथ मिलकर यह घटना अंजाम दी।
छह साल से चल रहा विवाद
रंजीत ने पुलिस को बताया कि जेवरात और जमीन को लेकर छह साल से विवाद चल रहा था। इस मामले की सूचना पुलिस को दी गई थी, और कई बार समझाया गया, लेकिन कुछ लोग समझौते के लिए तैयार नहीं थे। आए दिन रंजीत और उनके बेटे को जान से मारने की धमकी दी जाती रही।
आपसी सहमति से हुआ था जमीन का बंटवारा
चारों भाइयों के बीच जमीन और मकान को लेकर विवाद अक्सर होता रहता था। गांव में पंचायत भी हुई थी, जिसमें ग्रामीण और रिश्तेदार शामिल हुए। अंततः जमीन का बंटवारा हो गया और सभी अलग-अलग रहने लगे। रंजीत को भूसे रखने के लिए एक कमरा मिला था। इसके बावजूद इस कमरे को लेकर विवाद हुआ। रंजीत ने इसे खाली कर दिया था।
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