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Jhansi News: कमिश्नर ने परखी ऑनलाइन ओ.पी.डी. की हकीकत, नदारद मिले चिकित्सकों पर होगी कार्रवाई

Jhansi News: कुछ चिकित्सक देखते हुए भी कॉल अटेन्ड नहीं कर रहे थे तो कुछ ने अपना वीडियो बंद कर रखा था। कुछ चिकित्सक तो अपने निर्धारित समय पर ऑनलाइन भी नहीं दिख रहे थे।

Gaurav kushwaha
Published on: 3 Jun 2025 9:48 PM IST
Jhansi News: कमिश्नर ने परखी ऑनलाइन ओ.पी.डी. की हकीकत, नदारद मिले चिकित्सकों पर होगी कार्रवाई
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कमिश्नर ने परखी ऑनलाइन ओ.पी.डी. की हकीकत   (photo: social media )

Jhansi News: मरीजों को उनके नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र से ऑनलाइन जोड़कर वरिष्ठ चिकित्सकों के परामर्श के लिये चलायी जा रही ऑनलाइन ओ.पी.डी. व्यवस्था की उस समय हकीकत सामने आ गयी जब कमिश्नर झाँसी बिमल कुमार दुबे स्वयं एक मरीज बनकर कॉल लगाने लगे। कुछ चिकित्सक देखते हुए भी कॉल अटेन्ड नहीं कर रहे थे तो कुछ ने अपना वीडियो बंद कर रखा था। कुछ चिकित्सक तो अपने निर्धारित समय पर ऑनलाइन भी नहीं दिख रहे थे। जिस पर कमिश्नर ने सख्त रूख दिखाते हुए ए.डी. हैल्थ डा. सुमन को कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।

मालूम हो कि मण्डलायुक्त स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में सुधार हेतु लगातार पहल कर रहे हैं। हाल ही में उनके द्वारा स्वास्थ्य कार्यक्रमों की मण्डलीय समीक्षा बैठक की गयी थी जिसमें प्रस्तुत किये गये आंकड़ों की सच्चाई जानने के लिये आज दोपहर उन्होंने एक सी.एच.ओ. को अपने कक्ष में बुलाकर अपने आप को मरीज के रूप में पंजीकृत कराते हुये जिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज और नगरीय स्वास्थ्य केन्द्रों के मेडिकल ऑफिसर से ऑनलाइन कन्सलटेशन के लिये कॉल बुकिंग की गयी।

मेडिकल कॉलेज के ऑनलाइन ओ.पी.डी. हब में कॉल करने पर किसी चिकित्सक ने कॉल अटेन्ड नहीं किया, फिर उन्होंने जिला चिकित्सालय झाँसी में कॉल लगाया जहाँ के दो चिकित्सक डा. प्रताप सिंह और डा. अनूप दिवेदी ने कॉल अटेन्ड किया परन्तु इनके अतिरिक्त और कोई चिकित्सक ऑनलाइन नहीं पाया गया। फिर कमिश्नर ने नाम बदलकर नगरीय स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सकों से परामर्श चाहा तो डा. मूलचन्द्र वर्मा ने वीडियो कॉल अटेन्ड नहीं किया जिस पर कमिश्नर ने सख्त नाराजगी व्यक्त की। मरीज बनकर कॉल लगाने का सिलसिला लगभग 30 मिनट तक जारी रहा और कमिश्नर ने लगभग 10 चिकित्सकों से ऑनलाइन परामर्श हेतु कॉल किया।

कमिश्नर द्वारा ऑनलाइन ओ.पी.डी. व्यवस्था की कमियों को चिन्हित कर उन्हें दूर करने एवं पोर्टल पर पंजीकृत सभी चिकित्सकों को निर्धारित समय ऑनलाइन रहने के निर्देश दिये गये। जो चिकित्सक एवं सी.एच.ओ. ऑनलाइन ओ.पी.डी. सेवाओं में रूचि नहीं लेंगे उनके विरूद्ध कार्यवाही के लिये कहा गया। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि ई-संजीवनी ओ.पी.डी. सेवा की नियमित निगरानी के लिए रियल-टाइम कॉल ट्रैकिंग सिस्टम को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। मौके पर ए.डी. हैल्थ डा. सुमन, मण्डलीय परियोजना प्रबंधक आनन्द चौबे एवं रीजनल मैनेजर सुरेन्द्र सिंह, सी.एच.ओ. दिगारा देवेन्द्र कुमार उपस्थित रहे।

क्या है ई-संजीवनी ओ.पी.डी.

ई-संजीवनी एक डिजिटल स्वास्थ्य सेवा है जिसके द्वारा मरीजों को घर बैठे या उनके नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से पीएचसी./सीएचसी., जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों का चिकित्सकीय परामर्श एक ऐप के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है और चिकित्सक के द्वारा जो दवाएँ लिखी जाती हैं उन्हें उस केन्द्र के माध्यम से उपलब्ध करा दी जाती हैं। इस सेवा से मरीज को लंबी दूरी तय कर किसी चिकित्सालय जाने की जरूरत नहीं होती है।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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