Jhansi News: 40 साल पुराना पीपल का पेड़ काटा, पक्षियों का बसेरा उजड़ा, 7 लोग गिरफ्तार

Jhansi News: पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार कर कई धाराओं में केस दर्ज किया।

Gaurav kushwaha
Published on: 2 Sept 2025 8:00 PM IST
Jhansi News: 40 साल पुराना पीपल का पेड़ काटा, पक्षियों का बसेरा उजड़ा, 7 लोग गिरफ्तार
X

40 साल पुराना पीपल का पेड़ काटना पड़ा महंगा  (photo: social media )

Jhansi News: इंसानों की छोटी-सी सुविधा के आगे प्रकृति को फिर एक बार कुर्बानी देनी पड़ी। झाँसी के प्रेमनगर इलाके में 40 साल पुराना पीपल का विशाल वृक्ष कुछ लोगों के स्वार्थ का शिकार बन गया। इस प्राचीन पेड़ को काटने से न केवल हरियाली उजड़ी बल्कि उस पर बसेरा बनाए सैकड़ों पक्षियों का संसार भी उजड़ गया। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सात लोगों को गिरफ्तार किया है और उन पर कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया है।

पेड़ काटने का कारण बना गाड़ियों को गंदा होना

स्थानीय लोगों ने बताया कि पीपल के पेड़ पर हर रोज सैकड़ों पक्षी बैठते थे। पक्षियों की बीट कारों और घरों पर गिरती थी, जिससे लोग परेशान थे। इसी परेशानी को दूर करने के लिए कुछ निवासियों ने आपस में मिलकर पेड़ को काटने की योजना बनाई। बिना किसी अनुमति और पर्यावरणीय सोच के पेड़ पर कुल्हाड़ी चला दी गई।

15 पक्षियों की मौत, दर्जनों घोंसले तबाह

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जैसे ही पेड़ गिरा, उस पर बने दर्जनों घोंसले पलभर में टूटकर बिखर गए। अंडे फूट गए और कई मासूम चूजे मौके पर ही मर गए। वहीं, 15 से अधिक वयस्क पक्षियों की मौत की पुष्टि हुई है। घटना स्थल का मंजर बेहद दर्दनाक था। घायल पक्षियों को स्थानीय सोशल वर्कर्स और वन विभाग की टीम ने मिलकर रेस्क्यू किया और उन्हें इलाज के लिए पक्षी अस्पताल भेजा गया।

सोशल वर्कर्स की नाराज़गी

घटना की जानकारी मिलते ही पर्यावरण और पशु-पक्षी संरक्षण से जुड़े कई संगठन मौके पर पहुंचे। सोशल वर्कर्स ने इस कृत्य को "प्रकृति की हत्या" करार दिया। उनका कहना था कि इंसान अपनी सुविधा के लिए पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं का नाश कर रहे हैं, जबकि यही पेड़ और पक्षी पर्यावरण के संतुलन के लिए जरूरी हैं।

पुलिस ने दिखाई सख्ती

प्रेमनगर थाना पुलिस ने इस मामले को हल्के में नहीं लिया। पुलिस ने सात लोगों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया। उन पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, जैव विविधता अधिनियम और वृक्ष संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने साफ संदेश दिया है कि “पेड़ काटोगे तो जेल काटोगे।”

स्थानीय प्रशासन का बयान

वन विभाग के अधिकारियों ने भी इस मामले को गंभीर बताया। उनका कहना है कि बिना अनुमति कोई भी पेड़ काटना कानूनी अपराध है, खासकर तब जब उस पर पक्षियों और जीव-जंतुओं का आश्रय हो। इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि विकास और सुविधा की आड़ में इंसान प्रकृति को किस हद तक नुकसान पहुँचा रहा है।

1 / 5
Your Score0/ 5
Monika

Monika

Mail ID - [email protected]

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!