Jhansi News: झुलसे गाँव की चीख़ें: सड़कों पर गूंजा किसानों का दर्द, बेबस लाचार किसानों ने सड़क पर जाम लगाकर निकाली भड़ास

Jhansi News: किसानों ने प्रशासन के खिलाफ ज़ोरदार नारेबाज़ी करते हुए तत्काल मुआवज़े और आर्थिक मदद की मांग की। प्रदर्शन के दौरान किसानों और पुलिस प्रशासन के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली।

Gaurav kushwaha
Published on: 6 May 2025 2:10 PM IST
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अचानक लगी भीषण आग ने पूरे गाँव में कोहराम   (photo: social media ) 

Jhansi News: ज़िले के मोंठ तहसील के देगुवा गाँव में सोमवार को अचानक लगी भीषण आग ने पूरे गाँव में कोहराम मचा दिया। आग की लपटें इतनी तेज़ थीं कि आधा दर्जन से अधिक मकान चंद मिनटों में राख के ढेर में तब्दील हो गए। इस दिल दहला देने वाली घटना में किसानों का अनाज, कपड़े, घरेलू सामान और मवेशी सब कुछ जलकर खाक हो गया। इस भीषण त्रासदी के बाद गाँव के किसान दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं। अब उनके पास न तो छत है और न ही पेट भरने के लिए अनाज।

मुआवज़े की मांग को लेकर किसानों का आक्रोश, मोठ-भांडेर मार्ग जाम

घटना से आहत और गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार को मोठ-भांडेर मार्ग पर सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा होकर सड़क जाम कर दिया। किसानों ने प्रशासन के खिलाफ ज़ोरदार नारेबाज़ी करते हुए तत्काल मुआवज़े और आर्थिक मदद की मांग की। प्रदर्शन के दौरान किसानों और पुलिस प्रशासन के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। किसानों का साफ कहना था कि जब तक उन्हें उचित मुआवजा और राहत सामग्री का आश्वासन नहीं मिलेगा, वे सड़क से नहीं हटेंगे। स्थिति को बिगड़ता देख प्रशासन के कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने की कोशिश की।

काफी देर मशक्कत के बाद किसान एसडीएम कोर्ट पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में किसानों ने तत्काल आर्थिक सहायता, राहत सामग्री, पुनर्वास व्यवस्था, जले हुए मवेशियों का मुआवज़ा और घर बनाने के लिए सरकारी सहायता की मांग की।

"अब तो बस उम्मीदें ही बची हैं" — पीड़ित किसान

देगुवा गाँव के पीड़ित किसान राकेश यादव ने बताया, "आग ने हमारी पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी। घर, अनाज, कपड़े, मवेशी, सब कुछ जलकर खाक हो गया। अब बच्चों के लिए खाने तक को कुछ नहीं बचा। प्रशासन से गुज़ारिश है कि हमें जल्द से जल्द मदद दी जाए।"

वहीं, एक अन्य किसान रामप्रसाद कुशवाहा ने कहा, "तेज़ हवाओं के कारण आग इतनी तेज़ी से फैली कि संभलने का भी मौका नहीं मिला। सब कुछ जल गया। अब सरकार ही आख़िरी उम्मीद है।"

प्रशासन ने दिए जांच के आदेश, सर्वे शुरू

घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। प्रभावित परिवारों की सूची तैयार कर सर्वे कराया जा रहा है। उपजिलाधिकारी मोठ ने बताया कि पीड़ित किसानों को हरसंभव मदद दिलाने के लिए प्रशासन पूरी तरह प्रयासरत है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर किसानों को आर्थिक सहायता, राहत सामग्री और पुनर्वास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

सरकारी मदद की आस

पीड़ित किसानों और ग्रामीणों को अब सिर्फ़ प्रशासन और सरकार से मदद की आस है। गाँव में मातम पसरा हुआ है और हर तरफ़ अफ़रा-तफ़री का माहौल है। लोग अपने-अपने जले हुए मकानों के मलबे में बचे सामान को खोजने में लगे हुए हैं। इस दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने की मदद की अपील

घटना की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे और पीड़ितों का हाल जाना। उन्होंने प्रशासन से तत्काल राहत पहुंचाने और उचित मुआवजा देने की मांग की।

अब देखना होगा कि प्रशासन और सरकार कब तक इस गाँव की जली हुई उम्मीदों को राहत की ठंडी छांव देती है।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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