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Jhansi News: ट्रेन इंजन में नहीं है महिला ड्राइवरों के लिए वाशरुम, रेलवे बोर्ड के पास रखी गई डिमांड

Jhansi News: रेलवे की महिला स्टॉफ को लैंगिक असमानता का सामना करना पड़ा है। उनके लिए ड्यूटी कर पाना आसान नहीं रह गया है। खासकर महिला लोको पायलट को ट्रेन के इंजन में वाशरुम न होने से भारी कठिनाई होती है।

Gaurav kushwaha
Published on: 28 Jun 2025 7:20 PM IST
Washroom for women drivers not in train engine, demand placed near railway board
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ट्रेन इंजन में नहीं है महिला ड्राइवरों के लिए वाशरुम, रेलवे बोर्ड के पास रखी गई डिमांड (Photo- Newstrack)

Jhansi News: झांसी। झांसी रेल मंडल में कई महिला कर्मचारी हैं जिनमें डेढ़ सौ से ऊपर लोको पायलट झांसी रेल मंडल में है। इन्हीं लोको पायलट ने विभाग में लैंगिक असमानता का आरोप लगाते हुए अपनी जॉब कैटेगरी बदलने की मांग की है। इसके बाद रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे जोन से सख्ती से कहा है कि "वह कार्यस्थल पर महिला पुरुष समान का ढंग से पालन कराएं। हालांकि महिला लोको पायलट की यूनियन रेलवे बोर्ड के पत्र लिखने मात्र से संतुष्ट नहीं है।

क्या है महिला लोको पायलट की शिकायत

लोको पायलट यूनियन ने लंबे समय से ड्यूटी के दौरान महिलाओं के लिए अलग वाशरुम, रेल इंजन में भी वाशरुम की सुविधा, सिग्नल के पास टॉयलेट का निर्माण, प्रेग्नेंसी या बच्चे की देखपाल के लिए अनिवार्य तौर पर छुट्टी, मालगाड़ी में ड्यूटी के दौरान हर ट्रिप के बाद मदर लोको पायलट की मुख्यालय वापसी की सुविधा की मांग कर रही हैं।

दो रेलवे यूनियन ने की शिकायत

ऑल इंडिया रेलवे मैंस फेडरेशन और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे मैंन ने हाल में इस बाबत रेलवे बोर्ड से शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि रेलवे की महिला स्टॉफ को लैंगिक असमानता का सामना करना पड़ा है। उनके लिए ड्यूटी कर पाना आसान नहीं रह गया है।

खासकर महिला लोको पायलट को ट्रेन के इंजन में वाशरुम न होने से भारी कठिनाई होती है। रेलवे दफ्तरों में भी उनके लिए अलग से वाशरुम नहीं है। इस मुश्किल के कारण वे अपनी जॉब कैटेगरी बदलने की मांग कर रही हैं। उन्होंने बताया कि नीति बनने के बाद भी देश के सभी जोन में इसका पालन ढंग से नहीं हो रहा है।

रेलवे बोर्ड का लेटर सिर्फ औपचारिकताः लोको पायलट

रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को पत्र जारी किया है। उस पत्र में कहा कि बोर्ड दफ्तर में इस मुद्दे की जांच की गई और महिला पुरुष समान को ढंग से लागू करने की हिदायत दी। सभी मुख्यालय एेसी समस्याओं को प्राथमिकता में लेकर इसका समाधान करें। बोर्ड के इस पत्र पर महिला लोको पायलट का कहना है कि हम कई साल से एेसी मांग कर रहे हैं। लेकिन बोर्ड सिर्फ पत्र लिखकर औपचारिकता पूरी कर देता है। मुख्यालय यूनिट में किसी भी तरह इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसलिए हम चाहते हैं कि हमारी जॉब कैटेगरी चेंज कर हमें दफ्तर में तैनाती दे दी जाए।

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