Kanpur Dehat: नवजात शिशु की मौत, जच्चा की बिगड़ी हालत, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

Kanpur Dehat : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के महिला विंग अस्पताल में एक लापरवाही का मामला सामने आया जहां पर स्टाफ नर्स के द्वारा मोबाइल के टार्च की रोशनी से फर्श पर लेटाकर उसकी पुत्री की डिलीवरी कराई गई।

Manoj Singh
Published on: 10 Aug 2025 4:31 PM IST
Kanpur Dehat: नवजात शिशु की मौत, जच्चा की बिगड़ी हालत, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
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Kanpur Dehat Delivery Negligence

Kanpur Dehat: रसूलाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के महिला विंग अस्पताल में एक लापरवाही का मामला सामने आया जहां पर रसूलाबाद तहसील क्षेत्र के घुसरामऊ निवासी फरियाद अली ने पुलिस को शिकायत देते हुए बताया कि उसकी पुत्री की ससुराल असेनी दिबियापुर औरेया में है। उसकी पुत्री रूबी बानो 15 दिन पूर्व मायके घुसरा मऊ आई थी। शनिवार की रात 1:00 बजे रूबी बानों को प्रसव पीड़ा शुरू हुई इस दौरान उसने एंबुलेंस के लिए फोन किया लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची वही ई रिक्शा के माध्यम से अपनी पुत्री को लेकर 1:30 बजे रसूलाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा।

जहां कोई डॉक्टर तैनात नहीं था काफी देर तक उसकी पुत्री प्रसव पीड़ा से तड़पती रही। उसने आरोप लगाते हुए बताया काफी देर बाद दाई व स्टाफ नर्स के द्वारा मोबाइल के टार्च की रोशनी से फर्श पर लेटाकर उसकी पुत्री की डिलीवरी कराई गई। वहीं कुछ देर में उसकी पुत्री की हालत गंभीर हो गई। वही नवजात बच्चे की मौत हो गई हालत बिगड़ने पर उसकी पुत्री को हैलट रेफर कर दिया। लेकिन एंबुलेंस चालक हैलट न ले जाकर। जिला अस्पताल माती अकबरपुर छोड़ दिया



वहीं उसने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि नवजात बच्चे के सिर मे काफी छोटे हैं और अस्पताल की लापरवाही किसी वजह से उसकी पुत्री की हालत गंभीर हुई और नवजात शिशु की मौत हुई है। गर्भवती महिला की अनीशा ने बताया उसकी गांव की आशा साथ में मौजूद थी। अस्पताल में कोई नहीं था इस दौरान उसकी पुत्री की हालत बिगड़ रही थी अस्पताल में मौजूद दायीं फर्श पर पुत्री को लेटाकर मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में प्रसव करा रही थी लाइट जा चुकी थी।

पुत्री के पास वह उसकी छोटी पुत्री शहनाज मौजूद थी जहां पर बेटी की हालत देखकर रोते हुए बाहर निकल आई। स्टाफ नर्स पर गर्भवती महिला की मां ने गंभीर आरोप लगाएं। उन्होंने बताया इस दौरान अस्पताल प्रबंधन के दौरान पुलिस को बुला लिया गया।वही डॉक्टर सौरभ शाक्य ने बताया परिश्रम किया गया लेकिन बच्चें के फेफड़े व श्वास नली में गंदा पानी चला जाने के कारण उसकी मौत हो गई। महिला का बीपी कम और अधिक होने के कारण मेडिकल कालेज कानपुर देहात रेफर किया गया। उन्होंने बताया लाइट की व्यवस्था थी आरोप निराधार गलत है। जमीन पर तो सब कराने की भी आरोप असत्य हैं।

चिकित्सा अधीक्षक अमित कुमार ने बताया मामला संज्ञान में आया है। मोबाइल की रोशनी में प्रसव कराने के मामले पर कहा कि इनवर्टर को बदलवा दिया गया है। इनवर्टर में खराबी थी। वहीं जमीन पर डिलीवरी के मामले पर कहा की यह गंभीर विषय है इसकी जांच करा कर कार्रवाई कि जायेगी।घटना के बाद मौजूद स्थानीय लोगों ने बताया अस्पताल महिला डाक्टर न होने की वजह से आए दिन लापरवाही सामने आती रहती है। संविदा पर मीना कुरील डॉक्टर तैनात है लेकिन जब अस्पताल में मिलने पहुंचे तो कुर्सी खाली पड़ी थी। वही डॉक्टर शना मेडिकल रिलीफ पर चल रही है। महिला डाक्टर न होने की वजह से गर्भवती महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिसके चलते आशा बहुएं रसूलाबाद में स्थित प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को लेकर पहुंचती है जहां पर महिलाओं के परिजनों से मोटी रकम वसूली जाती है।

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