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DM और CMO की लड़ाई में नपे सीएमओ, विस अध्यक्ष महाना की चिट्ठी भी नहीं आई काम
Kanpur DM-CMO Cash: कानपुर डीएम और सीएमओ की लड़ाई में आखिरकार सीएमओ साहब नप गए।
Kanpur CMO Removed: लगातार बढ़ते विवादों के बीच मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरिदत्त नेमी को उनके पद से हटा दिया गया है। शासन ने उनकी जगह श्रावस्ती के सीएमओ डॉ. उदय नाथ को कानपुर भेजा है। माना जा रहा है कि यह निर्णय कानपुर के जिलाधिकारी जेपी सिंह और डॉ. नेमी के बीच चल रहे विवाद को लेकर लिया गया है, जिसकी गूंज शासन स्तर तक पहुंच चुकी थी। सूत्रों के अनुसार, दोनों अधिकारियों के बीच चल रही खींचतान पर मुख्य सचिव स्तर से हस्तक्षेप हुआ था और विवाद के त्वरित समाधान के निर्देश जारी किए गए थे।
विवाद की जड़ में ऑडियो क्लिप?
सूत्रों का कहना है कि एक कथित ऑडियो क्लिप को लेकर डीएम जेपी सिंह ने आपत्ति जताई है, जिसे लेकर अब जांच की तैयारी हो रही है। ऑडियो में सुनी गई आवाज सीएमओ की होने की आशंका जताई जा रही है। यदि जांच में यह पुष्टि होती है कि आवाज सीएमओ डॉ. नेमी की ही है, तो उनके खिलाफ विधिक और प्रशासनिक कार्रवाई भी की जा सकती है। बता दें कि पांच दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक के बाद एक कई ऑडियो क्लिप्स ने जिले में प्रशासनिक खेमे में हडकंप मचा दी थी। इन ऑडियो में एक व्यक्ति को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ तीखे आरोप लगाते हुए सुना गया, और दावा किया गया कि यह आवाज मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) की है। यहीं से मामला गरमा गया।
जानकारी के अनुसार, इससे पहले डीएम ने अस्पतालों के औचक निरीक्षण के दौरान कई खामियां पकड़ी थीं और सीएमओ को सुधारात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए थे। लेकिन डीएम का आरोप है कि उनके निर्देशों का पालन नहीं किया गया। उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर प्रमुख सचिव चिकित्सा को रिपोर्ट भी भेजी है।
दूसरे दिन भी सीएमओ कार्यालय नहीं पहुंचे
विवाद के बीच सीएमओ ने बीते दिनों को एक प्रेस वार्ता कर अपना पक्ष रखने की योजना बनाई थी, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के चलते वे लगातार दूसरे दिन भी कार्यालय नहीं पहुंचे। इसी बीच, चिकित्सा उपकरण आपूर्ति से जुड़ी कुछ कंपनियों ने भी सीएमओ पर आरोप लगाए, जिससे मामला और जटिल हो गया है।
ऑडियो की जांच और राजनीतिक हलचल
सूत्रों के मुताबिक, वायरल ऑडियो को लेकर भी जांच की तैयारी चल रही है। यह देखा जा रहा है कि आवाज वास्तव में किसकी है। यदि पुष्टि होती है कि यह आवाज सीएमओ की है, तो उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई संभव है। वहीं, मामले में विधानसभा सदस्यों द्वारा लिखे गए पत्रों के चलते यह मुद्दा राजनीतिक गलियारों में भी गर्माया हुआ है। बता दें कि इस मामले में शहर के विधायक और सांसद अलग-थलग हो गए थे। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सीएमओ की पैरवी के लिए चिट्ठी भी लिखी थी। इसके साथ सीएमओ के पक्ष में विधायक सुरेंद्र मैथानी और अरुण पाठक थे। वहीं विधायक अभिजीत सिंह सांगा और महेश त्रिवेदी खिलाफ रहें।
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