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Kasganj News: असत्य पर सत्य की विजय, धूं-धूं कर जल उठा बुराईयों के प्रतीक रावण का पुतला
Kasganj News: 150 मीटर दूर से चलाया गया अग्निबाण, आतिशबाज़ी और नारों के बीच रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले जलाए गए
Kansganj Dussehra (photo: social media )
Kasganj News: कासगंज जनपद में आज बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देने वाला विजयादशमी पर्व जिले भर में धूमधाम से मनाया गया। विजयादशमी के मौके पर कासगंज के नदरई गेट स्थित प्रभु पार्क में रावण के पुतला दहन का बड़ा आयोजन किया गया। गुरुवार की देर शाम बुराई के प्रतीक रावण का श्रीराम ने अपने धनुष से वाण चलाकर वध कर दिया।
अहंकार के प्रतीक रावण के पुतले में आग्नेय तीर लगते ही आग लग गई। जैसे ही पुतला जलना आरंभ हुआ, उपस्थित जनसमूह ने 'जय श्रीराम' के जोशीले नारे लगाना शुरू कर दिया। एक तरफ पुतले में भरे पटाखों के धमाके धूम मचा रहे थे, दूसरी तरफ जनसमूह 'जय श्रीराम' के नारों से जयकारे लगा रहा था। आकर्षक लाइटों से जगमगाता हुआ उत्कृष्ट खेल मैदान, जहां पर शहर के लोग रावण दहन देखने के लिए उमड़े और अपने-अपने मोबाइलों में सेल्फी कैद की। भगवान श्रीराम और रावण का युद्ध देखकर 'जय श्रीराम' के जयकारे गूंजने लगे।
150 मीटर दूर से बाण चलाकर जलाया
बता दें, 65 फीट ऊंचे रावण के पुतले को 150 मीटर दूर से बाण चलाकर जलाया गया। बाण चलाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी का उपयोग किया गया, जिससे वाण सीधे पुतले के सीने में जा लगा और रावण का पुतला धू-धू कर जलने लगा। प्रभु पार्क मैदान में भारी जनसमूह इस कार्यक्रम को देखने के लिए उमड़ा था। प्रभु श्रीराम ने अहंकारी दशानन रावण के पुतले की नाभि में जैसे ही अग्निबाण मारा, वैसे ही वह धरती पर गिर पड़ा। रामचरितमानस की चौपाई— "डोली भूमि गिरत दसकंधर, सुभट सिंधु सर दिग्गज भूधर" — सजीव हो उठी।
उसके बाद रावण के पुतले में आग लग गई और वह धू-धू कर जल उठा। आतिशबाजी शुरू हो गई, जिसकी गूंज दूर तक सुनाई दी। कासगंज जनपद में रावण पुतला दहन, भरत मिलाप और राजगद्दी का मंचन पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है। आसपास के कई जनपदों से श्रीराम भक्त यहां की लीलाओं को देखने आते हैं।
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