Kasganj News: श्री हरिपदी माँ गंगा जी के घाट पर पितृ पक्ष के आगमन से जुटी श्रद्धालुओं की भारी भीड़

Kasganj News: पितृ पक्ष में हरिपदी गंगा घाट पर तर्पण के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

Ajay Chauhan
Published on: 7 Sept 2025 11:30 AM IST
Kasganj News: श्री हरिपदी माँ गंगा जी के घाट पर पितृ पक्ष के आगमन से जुटी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
X

Kasganj News 

Kasganj News: कासगंज जनपद की पौराणिक धार्मिक स्थली सोरोज़ी, जिसे पुराणों में भगवान वराह की जन्मभूमि माना गया है, पितृ पक्ष के शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन गई है। मान्यता है कि जब पृथ्वी संकट में थी, तब भगवान विष्णु ने वराह अवतार लेकर उसे रक्षक रूप में उद्धार किया था।

पितृ पक्ष 2025 की तिथि और महत्व:

पितृ पक्ष की शुरुआत: 7 सितंबर 2025 (पूर्णिमा श्राद्ध)

प्रतिपदा श्राद्ध: 8 सितंबर 2025

महालया अमावस्या (सर्वपितृ अमावस्या): 21 सितंबर 2025

इस विशेष काल में राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात सहित कई राज्यों से हज़ारों श्रद्धालु माँ हरिपदी गंगा के घाट पर पहुँचकर अपने पितरों का तर्पण कर रहे हैं। आज सुबह से ही श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के उपरांत तर्पण, पूजन और अर्चन आरंभ कर दिया है।

आज चंद्रग्रहण का विशेष संयोग:

कपाट बंद होने का समय: दोपहर 12:57 बजे

चंद्रग्रहण प्रारंभ: रात्रि 9:58 बजे

ग्रहण मोक्ष: रात्रि 1:26 बजे

ग्रहण के समय मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान पूजा-पाठ वर्जित होता है। श्रद्धालुओं को सूतक काल में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

पितृ पक्ष का धार्मिक महत्व और मान्यताएं:

पंडा जी के अनुसार, "जो भी व्यक्ति अपने पितरों का श्रद्धापूर्वक तर्पण करता है, उसके पूर्वज संतुष्ट होकर परिवार को आशीर्वाद प्रदान करते हैं और परिवार की उन्नति होती है। वहीं, जिनके पितृ अप्रसन्न होते हैं, उनके जीवन में अनेक प्रकार के कष्ट और बाधाएं आती हैं।"

पितृ पक्ष में क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:

पवित्र नदियों में स्नान करें

पितरों के नाम से तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करें

सात्विक आहार लें

ब्राह्मण या ज़रूरतमंदों को भोजन व दान दें

क्या न करें:

कोई भी नया शुभ कार्य (जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय आदि) प्रारंभ न करें

मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज जैसे तामसिक भोजन का त्याग करें

बाल और नाखून काटने से बचें

मंदिरों में दर्शन नहीं करें (विशेषकर सूतक और ग्रहण काल में)

प्रमुख प्रश्नों के उत्तर:

पितृ पक्ष कब से शुरू होगा और कब समाप्त होगा?

7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर 2025 को समाप्त होगा।

मंदिर क्यों नहीं जाना चाहिए?

पितृ पक्ष और विशेष रूप से सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ वर्जित माना गया है।

पहला श्राद्ध किस तारीख को है? पहला श्राद्ध यानी प्रतिपदा श्राद्ध 8 सितंबर 2025 को है।

पितृ पक्ष में क्या-क्या नहीं करना चाहिए?

कोई भी शुभ कार्य, तामसिक भोजन, बाल-नाखून काटना, वाद-विवाद आदि से परहेज़ करें।

1 / 8
Your Score0/ 8
Shalini Rai

Shalini Rai

Mail ID - [email protected]

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!