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Lucknow News: बकरीद पर मौलाना Vs मौलाना: शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष ने की खुले में कुर्बानी न करने की अपील, शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी बोले- 'परंपरागत तरीके से होगी कुर्बानी'
Lucknow News: लखनऊ में बकरीद से पहले कुर्बानी को लेकर दो मौलानाओं के बयान सामने आए हैं। मौलाना सैफ अब्बास ने खुले में कुर्बानी और प्रतिबंधित जानवरों से परहेज की अपील की, जबकि मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने परंपरागत तरीके से कुर्बानी जारी रखने की बात कही। विवाद तेज हो गया है।
Lucknow News: आगामी 7 जून को इस्लाम के सबसे खास पर्वों में एक बकरीद का पर्व मनाया जाएगा लेकिन उससे पहले बकरीद पर सियासत भी तेज हो गई है। कहीं बकरीद को जीव हत्या से जोड़कर उसे रोकने की अपील की जा रही है तो कहीं साफ सफाई का हवाला देकर बाहर खुले में बकरा न काटने की हिदायत दी जा रही है। इसी बीच अब बकरीद को लेकर दो मौलानाओं ने बकरीद पर बकरा काटने को लेकर अलग अलग बयान जारी किए हैं। दरअसल, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक ओर कड़े लहजे में बकरीद पर बकरा काटने को लेकर अपनी परंपरा बताई तो वहीं, मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि ईद-ए-कुर्बान का असली मकसद अल्लाह की राह में त्याग, सेवा और संयम की भावना को अपनाना है, न कि सिर्फ जानवरों की कुर्बानी तक इसे सीमित करना है।
सैफ अब्बास नकवी बोले- संविधान द्वारा प्रतिबंधित जानवरों की न करें कुर्बानी
लखनऊ में मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सड़क और खुले में कुर्बानी न करें। ईद-ए-कुर्बान का असली मकसद अल्लाह की राह में त्याग, सेवा और संयम की भावना को अपनाना है, न कि सिर्फ जानवरों की कुर्बानी तक इसे सीमित करना। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि कुर्बानी करके गरीबों और ज़रूरतमंदों तक मदद पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। देश के संविधान द्वारा प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी न करें। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सड़कों और खुले स्थानों पर जानवरों की कुर्बानी न करें और साथ ही साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी बोले- परंपरागत तरीके से होगी कुर्बानी
इसी बीच एक ओर मुस्लिम समुदाय से जुड़े मौलाना शांति और सौहार्य के साथ बकरीद मनाने की अपील कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर से ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपने बयान से नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बकरीद पर होने वाली कुर्बानी पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं जबकि इन्हें ये सोचना चाहिए कि बकरीद कोई आज का पर्व नहीं बल्कि 1450 साल पुराना त्योहार है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि परंपरागत तरीके से बकरीद पर हमेशा से जैसे कुर्बानी होती आई है वैसे ही 7 जून को भी कुर्बानी होगी।
लोनी विधायक ने भी बकरे की जगह की थी कद्दू काटने की मांग
आपको बता दें कि इससे पहले गाजियाबाद के लोनी विधायक नन्दकिशोर गुर्जर ने भी इस मामले पर लोगों से बकरा न काटने की मांग की थी। लोनी विधायक ने कहा था कि पहले हमारे यहां भी बलि चढ़ती थी, फिर नारियल और कद्दू काटना शुरू कर दिया गया। ऐसे में बकरीद भी ईको फ़्रेंडली मनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ईको फ़्रेंडली होली और दीवाली मना सकते हैं तो बकरीद क्यों नहीं। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए कहा कि उन्हें बकरीद के मौके पर कद्दू या नारियल के अलावा केक का बकरा बनाकर काटना चाहिए। जिससे जीव हत्या को रोका जा सके।
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