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Newstrack Exclusive: कार पर लिखा DCP... पुलिस बत्ती लगाकर खुलेआम सड़क पर घूम रहे स्कूली बच्चे, संभाल रहे लखनऊ का 'Law And Order'
Newstrack Exclusive: लखनऊ के सड़कों पर सरकार व पुलिस के नाम पर रंगबाजी करने वालों का जमावड़ा भी देखने को मिलता है इसी रंगबाजी से जुड़ी एक तस्वीर राजधानी लखनऊ की सड़कों से एक्सक्लूसिव Newstrack के कैमरे में कैद हुई।
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सरकारी तंत्र के साथ-साथ उत्तर प्रदेश पुलिस के बड़े अफ़सरों समेत पूरा महकमा मौजूद रहता है। ऐसे में लखनऊ के सड़कों पर सरकार व पुलिस के नाम पर रंगबाजी करने वालों का जमावड़ा भी देखने को मिलता है इसी रंगबाजी से जुड़ी एक तस्वीर राजधानी लखनऊ की सड़कों से Exclusive Newstrack के कैमरे में कैद हुई। लखनऊ की वीआईपी सड़कों पर शुक्रवार को एक ऐसी कार दिखी, जिसने हर किसी को चौंका दिया। कार सफेद रंग की थी, छत पर पुलिस की लाल-नीली बत्ती लगी थी और फ्रंट शीशे पर बड़े-बड़े लाल अक्षरों में 'DCP Law & Order' लिखा था। चौंकाने वाली बात तब सामने आई, जब इस गाड़ी से चार स्कूली बच्चे उतरकर सड़क किनारे चाय की दुकान पर मजे से चाय की चुस्कियां लेते हुए गपशप करने लगे। ये नजारा न केवल नियमों की धज्जियां उड़ाता है, बल्कि लखनऊ की कानून व्यवस्था और निगरानी तंत्र पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। जांच में खुलासा हुआ कि गाड़ी पर लिखा गया पद फर्जी है और वाहन किसी आम नागरिक के नाम पर रजिस्टर्ड है।
पुलिस की बत्ती, शीशे पर लिखा DCP… और अंदर बैठे स्कूली बच्चे!
लखनऊ के हजरतगंज स्थित हिंदी संस्थान के पास शुक्रवार को एक सफेद रंग की कार ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। सफेद रंग की कार पर पुलिस की लाल नीली बत्ती लगी थी और आगे के बड़े शीशे पर बड़े बड़े अक्षरों में 'DCP Law & Order' लिखा हुआ था। अचानक इस गाड़ी से जब चार स्कूली बच्चे उतरकर पास की चाय की दुकान पर पहुंचे तो हर कोई हैरान हो गया। बच्चों की उम्र करीब 12-14 साल रही होगी और वह स्कूल यूनिफॉर्म में थे। जिस सहजता से बच्चे उस गाड़ी से उतरे और चाय की चुस्कियां लेने लगे, उसने साफ कर दिया कि उन्हें किसी भी नियम या कानून का न तो डर है और न ही कानून की समझ है।
फर्जी पद और फर्जी रजिस्ट्रेशन का बड़ा हुआ खुलासा
इस घटना ने लखनऊ की पुलिस और प्रशासन की चौकसी पर बड़े और गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कार के रजिस्टर्ड नंबर की पड़ताल की गई तो सामने आया कि 'DCP Law & Order' जैसा कोई पद उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में है ही नहीं। यानी कार पर लिखा गया पद पूरी तरह फर्जी है। वहीं, गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर की जांच की गई तो वह राम जी शुक्ला नाम के व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड पाई गई, जो सीतापुर रोड के पास रहते हैं। इतना ही नहीं, वाहन के रजिस्ट्रेशन में दर्ज मोबाइल नंबर लखनऊ के चौक स्थित बीआर हुंडई शोरूम का निकला, जहां से कॉल करने पर बताया गया कि यह नंबर 2021 से उनके पास है।
कौन दे रहा है ऐसे बच्चों को ‘पुलिस रौब’ की इजाजत?
इस घटना के सामने आने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि स्कूली बच्चों को इस तरह की कार में बैठकर पुलिस अफसरों जैसा रौब दिखाने की छूट आखिर कौन दे रहा है? क्या गाड़ी के मालिक का पुलिस विभाग से कोई सीधा या पॉलिटिकल कनेक्शन है? या फिर बच्चों के परिजन जानबूझकर उन्हें इस तरीके से सड़कों पर भेज रहे हैं ताकि वह खुद को वीआईपी महसूस करें? कानून व्यवस्था के नाम पर ऐसी नकल करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि ये सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा है। पुलिस को इस मामले में जल्द जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि कोई और इस तरह का फर्जी 'पावर शो' ना कर सके।
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