Lucknow News: मंदिर परिसर में होगी सटीक सुरक्षा..लखनऊ के नया हनुमान मंदिर में फेस रिकग्निशन सिस्टम की शुरुआत, प्रमुख द्वारों पर होंगे हाई-रेजोल्यूशन कैमरे

Lucknow News: इस पहल का उद्देश्य भीड़ नियंत्रण, आगंतुकों की निगरानी और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखना है, जिससे मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाया जा सके।

Virat Sharma
Published on: 28 May 2025 12:03 PM IST
Lucknow News: मंदिर परिसर में होगी सटीक सुरक्षा..लखनऊ के नया हनुमान मंदिर में फेस रिकग्निशन सिस्टम की शुरुआत, प्रमुख द्वारों पर होंगे हाई-रेजोल्यूशन कैमरे
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Lucknow News: राजधानी लखनऊ के अलीगंज क्षेत्र स्थित नया हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने एक अत्याधुनिक फेस रिकग्निशन सिस्टम की शुरुआत की है। यह पायलट प्रोजेक्ट धार्मिक स्थलों पर तकनीक के उपयोग की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य भीड़ नियंत्रण, आगंतुकों की निगरानी और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखना है, जिससे मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाया जा सके।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि यह एआई-सक्षम प्रणाली हाल ही में परीक्षण चरण में सफल रही, जिसमें 6,500 से अधिक यूनिक विजिटर्स की पहचान की गई और 96 प्रतिशत की सटीकता के साथ चेहरों को रियल-टाइम में स्कैन किया गया। यह तकनीक न केवल पहली बार आने वाले पर्यटकों की पहचान करने में सक्षम है, बल्कि संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों की एक ब्लैकलिस्ट भी तैयार कर सकती है। इससे भविष्य में ऐसे लोगों की पहचान कर सुरक्षा एजेंसियों को समय पर सतर्क किया जा सकेगा।

प्रमुख द्वारों पर हाई-रेजोल्यूशन कैमरे, भीड़ की पूर्व चेतावनी प्रणाली

मंदिर के वीआईपी गेट सहित मुख्य प्रवेश और निकास द्वारों पर हाई-रेजोल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं, जो प्रत्येक गतिविधि पर पैनी नजर रखते हैं। पर्यटन विभाग के अनुसार, यह तकनीक संभावित भीड़ वाले क्षेत्रों की पहचान पहले ही कर लेती है और तुरंत समाधान प्रस्तुत करने में सक्षम है। चोरी या किसी भी संदिग्ध गतिविधि की स्थिति में यह सिस्टम तुरंत प्रतिक्रिया देता है, जिससे सुरक्षा बलों की कार्यवाही तेज होती है। इससे पहले लखनऊ के हनुमान सेतु मंदिर में भी ऐसा ही सिस्टम परीक्षण के रूप में लगाया गया था, जहां इसे 93 प्रतिशत सटीकता के साथ सफलता मिली थी।

अयोध्या से लेकर वाराणसी तक बड़े धार्मिक स्थलों पर विस्तार

पर्यटन मंत्री ने बताया कि भविष्य में इस प्रणाली को और अधिक व्यापक बनाने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के साथ मिलकर एक नया डेटा बेस विकसित किया जाएगा। यह व्यवस्था स्थानीय निवासियों, दूसरे शहरों से आए श्रद्धालुओं और पहली बार आने वालों के बीच अंतर करने में मदद करेगी। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता को देखते हुए विभाग अब इसे अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर, हनुमान गढ़ी (प्रयागराज), बड़े हनुमान जी मंदिर, अलोपी देवी मंदिर, वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर, बटुक भैरव मंदिर, कुसुम सरोवर (मथुरा), श्री बांके बिहारी मंदिर और प्रेम मंदिर (वृंदावन) जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों पर लागू करने की योजना बना रहा है।

स्मार्ट टूरिज्म नीति की दिशा में मजबूत कदम

विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार की ‘स्मार्ट पर्यटन नीति’ की दिशा में एक ठोस और दूरदर्शी कदम है। इससे न केवल धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होगी बल्कि पर्यटकों की सुविधा और अनुभव में भी बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। फेस रिकग्निशन जैसी उन्नत तकनीक के माध्यम से उत्तर प्रदेश धार्मिक पर्यटन को आधुनिक और सुरक्षित बनाने की ओर अग्रसर है।

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