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Lucknow News: UP को बाल श्रम मुक्त राज्य बनाने की पहल: विशेषज्ञों ने बाल श्रम पर किया मंथन
उत्तर प्रदेश में बाल श्रम उन्मूलन के लिए राज्य कार्य योजना के तहत सरकार ने बाल श्रमिकों की पहचान और उनकी रक्षा के लिए कदम उठाने की योजना बनाई है।
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Lucknow Today News: प्रदेश के मुख्यमंत्री की पहल के तहत प्रदेश को 2027 तक बाल श्रम मुक्त बनाने के संकल्प के मद्देनजर, लखनऊ में श्रम विभाग और यूनिसेफ के सहयोग से एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला, मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन के नेतृत्व में बाल श्रम के उन्मूलन के लिए प्रदेश भर में चलाए जा रहे प्रयासों को और भी सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।
बाल श्रम मुक्त यूपी की दिशा में राज्य कार्य योजना की घोषणा
उत्तर प्रदेश में बाल श्रम उन्मूलन के लिए राज्य कार्य योजना के तहत सरकार ने बाल श्रमिकों की पहचान और उनकी रक्षा के लिए कदम उठाने की योजना बनाई है। इसके साथ ही बाल श्रमिकों के नियोक्ताओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई का भी प्रस्ताव है। कार्यशाला का उद्देश्य मंडल और जिला स्तर पर बाल श्रम के रुझानों को समझना और उन क्षेत्रों की पहचान करना था जो उच्च जोखिम में हैं।
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से मिलेगा बाल श्रम उन्मूलन को बल
अजय जैन ने बाल श्रम उन्मूलन के लिए जिले में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, विधवा पेंशन योजना, और स्पांसरशिप जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सरकारी विभागों, पुलिस, महिला कल्याण, बाल कल्याण समिति और गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर बाल श्रमिकों के बचाव अभियानों को संयुक्त रूप से चलाने का सुझाव दिया।
विशेषज्ञों ने बाल श्रम के खिलाफ कानूनी उपायों पर चर्चा की
डॉ. हेलेन आर. सेकर, पूर्व वरिष्ठ फेलो, वीवी गिरी राष्ट्रीय श्रम संस्थान ने कार्यशाला में बाल श्रम से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के विभिन्न उद्योगों जैसे पीतल, कांच और कालीन कारखानों में बाल श्रमिकों की स्थिति पर विस्तार से जानकारी दी और इसके समाधान के लिए कानूनी उपायों का उल्लेख किया।
यूनिसेफ ने ग्राम पंचायत स्तर पर डेटा प्रबंधन की जरूरत पर बल दिया
यूनिसेफ के बाल संरक्षण विशेषज्ञ, सैयद मंसूर कादरी ने ग्राम पंचायत स्तर पर स्कूल न जाने वाले बच्चों और प्रवासी बच्चों की जानकारी को बेहतर तरीके से जुटाने के लिए डेटा प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका कहना था कि बाल श्रम उन्मूलन के प्रयासों में माता-पिता, समुदायों और सरकार की साझा जिम्मेदारी है।
राज्य कार्य योजना और विभागों की जिम्मेदारियां
श्रम विभाग के राज्य संसाधन प्रकोष्ठ के सैयद रिजवान अली ने बाल और किशोर श्रम अधिनियम 2016 के प्रभावी कार्यान्वयन के साथ-साथ बाल श्रम मुक्त यूपी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न विभागों की जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला। वहीं महिला कल्याण विभाग के उपनिदेशक प्रवीन त्रिपाठी ने बाल श्रम के उन्मूलन के लिए समुदाय आधारित एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि बाल श्रम उन्मूलन के लिए समाज में व्यवहार परिवर्तन आवश्यक है।
सूचना आदान-प्रदान और पुनर्वास पर जोर
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की एसीपी, सौम्या पांडे ने मुक्त किए गए बाल श्रमिकों के पुनर्वास में सरकारी विभागों के बीच बेहतर सूचना आदान-प्रदान की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने महिला बीट प्रणाली को पुनर्वास कार्य में शामिल करने का सुझाव दिया।
जिला स्तरीय अधिकारियों ने बाल श्रम पर किया मंथन
कार्यशाला के दौरान जिला स्तर के अधिकारियों ने बाल श्रम की प्रकृति, उसकी चुनौतियों और इसके समाधान के लिए विभिन्न उपायों पर चर्चा की। इस दौरान डिस्ट्रिक्ट ऐक्शन प्लान भी तैयार किया गया, जिसमें बाल श्रम के रोकथाम, बचाव, पुनर्वास और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के आयामों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी
इस कार्यशाला में लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, खीरी, उन्नाव, और रायबरेली के विभिन्न विभागों जैसे शिक्षा, महिला कल्याण, श्रम, पुलिस, बाल कल्याण, कौशल विकास, और मानव तस्करी विरोधी इकाइयों के सदस्य उपस्थित थे।
वहीं कार्यशाला के समापन पर अपर श्रमायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी दी। इस कार्यशाला ने बाल श्रम उन्मूलन के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की दिशा में एक नई पहल की है।
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