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Lucknow News: बारिश के दौरान नाले में बहे व्यक्ति की 30 घंटे बाद मिली लाश, प्रशासन की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
Lucknow News: राधाग्राम इलाके में नालों की सफाई नहीं हुई थी और कई स्थानों पर नाले बिना ढक्कन के खुले पड़े हैं। यही लापरवाही सुरेश की मौत का कारण बनी।
मृतक सुरेश (फोटो: सोशल मीडिया)
Lucknow News: राजधानी में शनिवार को बारिश के दौरान राधाग्राम इलाके में रहने वाला सुरेश तेज बारिश के बीच खुले नाले में बह गया था। उसका शव लगातार 30 घंटे की खोजबीन के बाद रविवार को आईआईएम रोड बंधा के पास नाले से बरामद किया गया। इस हादसे ने नगर निगम और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है राधाग्राम इलाके में नालों की सफाई नहीं हुई थी और कई स्थानों पर नाले बिना ढक्कन के खुले पड़े हैं। यही लापरवाही सुरेश की मौत का कारण बनी।
हादसे का पूरा घटनाक्रम
शनिवार को राजधानी में अचानक तेज बारिश शुरू हो गई थी। इसी दौरान सुरेश (38) मजदूरी करता था, वह काम से बाहर निकला था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वह जैसे ही सड़क पार कर रहा था, फिसलकर खुले नाले में जा गिरा और तेजी से बहता चला गया। उसको लोगों ने बचाने की कोशिश की, लेकिन बारिश के पानी का बहाव तेज था। वह देखते ही देखते ओझल हो गया। इस घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड, आपदा प्रबंधन टीम और पुलिस मौके पर पहुंची। भारी बारिश और जलभराव के बावजूद राहत-बचाव कार्य रात भर चलता रहा।
रेस्क्यू ऑपरेशन चला 30 घंटे तक
स्थानीय लोग भी प्रशासन के साथ मिलकर सुरेश को ढूंढने में जुटे रहे। कई बार उम्मीद जगी कि वह जीवित मिल सकता है, लेकिन रविवार सुबह करीब 11 बजे शव आईआईएम रोड स्थित बंधा के पास मिल गया है। सुरेश की मौत की खबर फैलते ही पूरे राधाग्राम इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। मृतक अपने परिवार में अकेला कमाने वाला था। उसके तीन छोटे बच्चे और पत्नी बेसहारा हो गई हैं। लोगों ने नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और खुले नालों को लेकर प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताई।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
हादसे के बाद लखनऊ के जिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। नगर आयुक्त ने कहा है कि घटना की जिम्मेदारी तय की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी। इसके साथ ही शहर के खुले नालों को जल्द से जल्द ढकने की बात कही गई है। हर साल बारिश के दौरान राजधानी लखनऊ जैसे बड़े शहरों में जलभराव, खुले नाले और सफाई की लचर व्यवस्था जानलेवा साबित होती है। सुरेश की मौत प्रशासन की लापरवाही का ताजा उदाहरण है। यदि समय रहते नाले की सफाई की जाती और उसे ढका गया होता, तो आज सुरेश जिंदा होता।
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