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Lucknow News: ईरान और इजरायल के बीच युद्ध में फंसे भारतीय, शाइस्ता अंबर की पीएम से अपील – तुरंत कराएं सुरक्षित वापसी
Lucknow News: विशेष रूप से ईरान में पढ़ाई कर रहे छात्रों और इजरायल में कार्यरत श्रमिकों की स्थिति को देखते हुए, बोर्ड ने भारत सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
Lucknow News (Social Media image)
Lucknow News: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम वुमन पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMWPLB) ने दोनों देशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। विशेष रूप से ईरान में पढ़ाई कर रहे छात्रों और इजरायल में कार्यरत श्रमिकों की स्थिति को देखते हुए, बोर्ड ने भारत सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपील की है कि युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे भारतीयों को शीघ्रता से और सुरक्षित रूप से वापस लाया जाए। उन्होंने कहा कि यह न केवल एक मानवीय जरूरत है, बल्कि भारत की वैश्विक ज़िम्मेदारी और नागरिकों के प्रति दायित्व का भी मामला है।
शाइस्ता अंबर ने जताई गहरी चिंता
पत्र में शाइस्ता अंबर ने लिखा, 'ईरान में हजारों भारतीय छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, वहीं इजरायल में बड़ी संख्या में भारतीय श्रमिक अपने परिवारों का भरण-पोषण कर रहे हैं। मौजूदा हालात उनके जीवन के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। उनके परिवार भारत में अत्यंत भय और चिंता में हैं। सरकार को इस दिशा में तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।'
उन्होंने इस बात पर भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री मोदी अतीत की तरह इस बार भी संकट की घड़ी में त्वरित निर्णय लेकर देशवासियों की जान बचाने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे।
बोर्ड की प्रधानमंत्री से तीन प्रमुख मांगें
पत्र में बोर्ड की ओर से प्रधानमंत्री से तीन मुख्य मांगें की गई हैं:
- तत्काल निकासी अभियान- ईरान और इजरायल से भारतीय छात्रों और श्रमिकों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।
- भारतीय दूतावासों की सक्रिय भूमिका- तेहरान और तेल अवीव में स्थित भारतीय दूतावास भारतीय नागरिकों के साथ सतत संपर्क बनाकर मदद उपलब्ध कराएं।
- अस्थायी शरण और सुरक्षा की व्यवस्था- निकासी से पहले, जरूरतमंदों को स्थानीय स्तर पर सुरक्षित स्थानों पर शरण देने की व्यवस्था की जाए।
पीड़ित परिवारों को मिला एकजुटता का साथ
बोर्ड ने युद्ध क्षेत्र में फंसे भारतीयों के परिजनों के साथ एकजुटता जताई और आश्वासन दिया कि उनकी आवाज को शासन के उच्चतम स्तर तक पहुंचाया जाएगा। प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया कि यह समय राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर मानवीय पहल करने का है। शाइस्ता अंबर ने देश की जनता, सामाजिक संगठनों और मीडिया से भी आग्रह किया है कि वे इस विषय को गंभीरता से लें और सरकार पर दबाव बनाएं ताकि समय रहते कोई अनहोनी न हो। इस अपील को अब तक कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों का समर्थन मिल चुका है। उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार जल्द ही कोई स्पष्ट रणनीति बनाकर भारतीयों की सकुशल वापसी सुनिश्चित करेगी।
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