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Snake Bite News: सर्प डंक से हर साल 49 हजार गवाते हैं जान !
Lucknow News: सांप काटने पर अस्पताल जाकर इलाज लें नाकि झाड़ फूक के चक्कर में पड़ें
Workshops On Snakebite Envenoming Prevention In Uttar Pradesh
Lucknow News: सर्प डंक से हर वर्ष 49 हजार लोगों की मौत हो जाती है। इन आंकड़ों में कमी लाई जा सकती है, लेकिन तब जब लोग सांप काटने पर तत्काल अस्पताल इलाज के लिए पहुंचे न की झांड-फूंक, टोना टोटका पर यकीन करते रहें । सांप के काटने वाले हिस्से में चीरा लगाकर खून निकालने का प्रयास हो या फिर जहर को शरीर में फैलने से रोकने के लिए प्रभावित अंग के दोनों छोर को बांध देने का तरीका। दोनों ही दशा में भले ही जहर का फैलाव रुके या न रुके। लेकिन, मरीज गैंगरीन जैसी गंभीर समस्या की चपेट में जरूर आ जाता है। नतीजतन अंग तक काटने की नौबत आ जाती है। यह जानकारी लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने दी।
सोमवार को लोहिया संस्थान में फाउंडेशन फॉर पीपल-सेंट्रिक हेल्थ सिस्टम्स की तरफ से सर्पदंश पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने कहा कि बारिश में सांप के काटने की आशंका बढ़ जाती है। क्योंकि सांप के घरों में बरसाती पानी भर जाता है। लिहाजा वे बिलों से बाहर आ जाते हैं। ऐसे में सर्पदंश की घटनाओं में इजाफा हो जाता है। उन्होंने बताया कि भारत में हर साल 49 हजार लोगों की सर्पदंश में मौत हो रही है। जिनमें उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक मौतें होती हैं। सर्पदंश के मामले ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा होते है। खेतों में पुरुष अधिक काम करते हैं। इसलिए वे सर्पदंश के अधिक शिकार होते हैं।
सांप काटने के बाद तुरंत जाएं अस्पताल
लोहिया में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. एसडी कंडपाल ने कहा कि सांप के काटने के बाद तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। ताकि एंटी स्कैन वेनम लगाया जा सके। इससे काफी हद तक मौतों को रोका जा सकता है। अफसोस की बात यह है कि अभी भी लोग झाड़-फूंक, टोना टोटका कराते हैं। इससे बचें। समय पर मरीज को अस्पताल ले जाएं। इलाज में देरी जानलेवा साबित हो सकती है। आयोजन सचिव डॉ. मिली सेंगर ने कहा कि घाव वाले हिस्से में चीरा लगाकर खून बाहर निकालते हैं। घाव के दोनों तरफ के हिस्से को बांध देते हैं। इससे गैंगरीन का खतरा बढ़ जाता है। हिलाना डुलाना नहीं। घबराना नहीं चाहिए। इससे दिल की धड़कन तेज होती है। डर व घबराहट से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। राज्य नोडल अधिकारी सर्पदंश डॉ. पंकज सक्सेना ने कहाकि यूपी में 30 प्रकार के सांप होते हैं। 18 खतरनाक होते हैं। बाकी कम खतरनाक होते हैं। सांप की पांच प्रजातियां सबसे ज्यादा घातक होती हैं। इसमें कोबरा, करैत, रसेल, वाइपर और स्केल्ड वाइपर होता है। उन्होंने उत्तरीय क्षेत्रों में स्नैक वेनम सेंटर बढ़ाए जाने की जरूरत बताई।
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