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भारत में जिहाद की बड़ी साजिश नाकाम... शरिया कानून लागू कराने का था प्लान! यूपी ATS ने 4 कट्टरपंथियों को किया गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश एटीएस ने कानपुर, सुल्तानपुर, सोनभद्र और रामपुर से चार कट्टरपंथियों को गिरफ्तार किया। ये पाकिस्तानी संगठनों से प्रभावित होकर भारत में शरिया कानून लागू करने और गैर मुस्लिम धर्मगुरुओं को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे। सभी को जेल भेजा गया और जांच जारी है।
UP News: यूपी ATS ने एक बार फिर आतंक की बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है। कानपुर, सुल्तानपुर, सोनभद्र और रामपुर से ATS की ओर से 4 कट्टरपंथियों को गिरफ्तार किया गया है, जो पाकिस्तानी संगठनों से प्रभावित होकर भारत में हिंसात्मक जिहाद छेड़कर शरिया कानून लागू करने की योजना बना रहे थे। इनके टारगेट पर गैर मुस्लिम धर्मगुरु भी थे, जिनकी हत्या की गंभीर योजना बनाई जा रही थी। यूपी ATS ने इनपुट के आधार पर कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को पकड़कर जेल भेज दिया है और अब इनके नेटवर्क के पीछे के मास्टरमाइंड की तलाश की जा रही है।
सोशल मीडिया पर सक्रिय था गैंग, फंडिंग जुटाने की कोशिश
यूपी ATS के डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों में कानपुर का मोहम्मद तौसीफ, सुल्तानपुर का अकमल रजा, सोनभद्र का सफील सलमानी उर्फ अली रजवी और रामपुर का कासिम अली शामिल हैं। ये सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई ग्रुप बनाकर एक-दूसरे से जुड़े थे और कट्टर विचारधारा फैलाने में लगे थे। आरोपियों ने ऑडियो-वीडियो चैट्स और मैसेज के जरिए युवाओं को उकसाने का काम किया। इतना ही नहीं, अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए वे हथियार और अन्य संसाधन जुटाने की तैयारी कर रहे थे और इसके लिए फंडिंग की अपील भी कर रहे थे।
गैर मुस्लिम धर्मगुरुओं पर था टारगेट, निशाने पर थे कई बड़े चेहरे
पूछताछ में सबसे चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि ये आरोपी गैर मुस्लिम धर्मगुरुओं को टारगेट कर उनकी हत्या की योजना बना रहे थे। उनके निशाने पर देश के कई धार्मिक प्रमुख थे। एटीएस इस पहलू पर गहन जांच कर रही है कि आखिर उनके टारगेट लिस्ट में कौन-कौन शामिल थे। आरोपियों ने कबूल किया कि वे मुसलमानों पर कथित जुल्म का हवाला देकर युवाओं को कट्टरपंथी बना रहे थे और काफिरों के खिलाफ जंग-ए-जिहाद छेड़ने की अपील कर रहे थे। यह रणनीति युवाओं को भावनात्मक तौर पर भड़काकर उन्हें हिंसा की राह पर ले जाने का हिस्सा थी।
जिहादी साहित्य और कट्टर मानसिकता का जाल
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी लगातार हिंसात्मक जिहादी साहित्य का संग्रह और प्रसार कर रहे थे। वे किताबों, लेखों और डिजिटल कंटेंट के जरिए कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने की कोशिश कर रहे थे। इनकी योजना थी कि समान विचारधारा वाले लोगों को जोड़कर एक हिंसक संगठन खड़ा किया जाए, जो लोकतांत्रिक सरकार को गिराकर शरिया कानून लागू कर सके। एटीएस की समय रहते की गई कार्रवाई ने न केवल इस खतरनाक साजिश को विफल कर दिया बल्कि एक बड़ा आतंकी नेटवर्क भी उजागर कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियां अब इनके कनेक्शनों और विदेशी संगठनों से रिश्तों की गहराई से जांच कर रही हैं।
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