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Mahoba News; टेंडर प्रक्रिया के दौरान हंगामा, जिला पंचायत अध्यक्ष को जातिसूचक गालियां व जान से मारने की धमकी, दोनों पक्षों ने लगाए एक-दूसरे पर गंभीर आरोप
Mahoba News; महोबा में टेंडर प्रक्रिया के दौरान हुए विवाद में जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ जातिगत गाली-गलौज और धमकी का आरोप लगा है। एफआईआर दर्ज, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर दुर्व्यवहार और पक्षपात का आरोप लगाया है।
Mahoba News (Social Media image)
Mahoba News;जिला पंचायत कार्यालय में शनिवार को आयोजित टेंडर प्रक्रिया उस समय विवादों में घिर गई जब दोपक्षीय हंगामा, जातिसूचक गालियों और जान से मारने की धमकी की शिकायत सामने आई। इस मामले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है, क्योंकि दोनों ही पक्ष सत्तारूढ़ दल भाजपा से जुड़े बताए जा रहे हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
जिला पंचायत अध्यक्ष जेपी अनुरागी ने आरोप लगाया है कि ठेकेदार मोहित तिवारी और उनके परिजनों ने टेंडर प्रक्रिया में गुंडई, टेंडर बॉक्स में पानी डालने, जातिगत अपशब्द कहने और धमकी देने जैसी हरकतें कीं। उन्होंने इस मामले की तहरीर पुलिस अधीक्षक को सौंपी, जिसके आधार पर कोतवाली नगर में मामला दर्ज कर लिया गया है। वायरल हो रहे एक वीडियो में घटनास्थल की स्थिति स्पष्ट देखी जा सकती है, जो मामले को और गंभीर बना रहा है।
ठेकेदार पक्ष ने आरोपों को बताया मनगढ़ंत
वहीं, ठेकेदार महेश तिवारी ने पलटवार करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष पर आरोप लगाया कि वह टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरत रहे हैं। उनका कहना है कि पूर्व में भी उन्हें टेंडर डालने से रोका गया था, जिसकी शिकायत उन्होंने उच्च अधिकारियों से की थी।
महेश तिवारी का दावा है कि वे समय से पहले टेंडर बॉक्स में मूल कॉपी डालने पहुंचे, लेकिन कर्मचारियों ने उन्हें जानबूझकर रोका। उन्होंने कहा कि उनकी ओर से कोई ग़लत व्यवहार नहीं किया गया और पूरी घटना की वीडियोग्राफी भी कराई गई है।
पुलिस ने शुरू की विवेचना
अपर पुलिस अधीक्षक वंदना सिंह ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। सीओ और कोतवाली प्रभारी की अगुवाई में साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि दोषियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
इस विवाद के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। चूंकि दोनों पक्ष भाजपा से जुड़े बताए जा रहे हैं, ऐसे में कोई भी पार्टी पदाधिकारी खुलकर बयान देने से बच रहा है। टेंडर प्रक्रिया को लेकर उठी इस अंदरूनी खींचतान ने जिला प्रशासन और शासन के पारदर्शिता के दावों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
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