Mahoba News: एक तो कर्ज दूसरे, पुत्र की मौत का सदमा, हताश व्यक्ति ने किया आत्महत्या का प्रयास

Mahoba News: कर्ज से परेशान और पुत्र की मौत के सदमे से हताश व्यक्ति ने किया आत्महत्या का प्रयास

Imran Khan
Published on: 30 Aug 2025 5:47 PM IST
Man troubled by debt and shocked by sons death attempts suicide, treatment continues
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कर्ज से परेशान और पुत्र की मौत के सदमे से हताश व्यक्ति ने किया आत्महत्या का प्रयास, इलाज जारी (Photo- Newstrack)

Mahoba News: महोबा जनपद के कुलपहाड़ कस्बे में रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले 55 वर्षीय माहिल की ज़िंदगी हालात की मार और कर्ज के बोझ तले बिखर गई। बेटे की असमय मौत और साहूकारों की धमकियों से टूटे माहिल ने शनिवार को जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की कोशिश की, जिसे लेकर परिजन जिला अस्पताल दौड़े। वहां उसका इलाज जारी है, लेकिन परिवार में डर और चिंता का माहौल है।

पुत्र की मौत से टूट गया था माहिल

माहिल के जीवन में सबसे बड़ा सदमा एक साल पहले आया, जब उसके 10 वर्षीय बेटे छोटू की आकाशीय बिजली की चपेट में आकर मृत्यु हो गई। वह हादसा माहिल की आत्मा तक को झकझोर गया। छोटू की मासूम मुस्कान, उसकी भोली बातें अब माहिल की यादों की धुंधली गली में गुम हो गईं। इस गहरे घाव ने माहिल को एकदम अकेला और असहाय बना दिया।अपने तीन बेटियोंमीना, बिट्टू और फुल्ला की शादी के लिए माहिल ने लगभग 6 लाख रुपए का कर्ज लिया।

मजदूरी की कमी के कारण वह यह रकम चुकाने में असमर्थ रहा। साहूकार रोज दरवाजे पर दस्तक देते, तकादा करते और धमकी देते रहते। माहिल हर दिन उन्हें समझाने की कोशिश करता, लेकिन जब कोई रास्ता न मिला, तो उसने हार मान ली। साहूकारों के सख्त रवैये और लगातार वसूली के दबाव ने माहिल की उम्मीदों की आखिरी किरण भी बुझा दी।

माहिल के परिवार में नौ संतानें हैं, सबसे छोटी पुत्री सोनिया अभी केवल पांच साल की है, जिसकी शादी की चिंता उसके मन पर बोझ बनी हुई है। अन्य नाबालिग बेटे जागेश, सोनू और जावेद की परवरिश की चिंता भी उसे चैन नहीं लेने देती। उसकी मेहनत और ईमानदारी के बावजूद मजदूरी न मिलना उसके लिए अभिशाप बन गया।

बेरोजगारी और कर्ज का बोझ

माहिल का संघर्ष सिर्फ उसकी व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि उन अनगिनत गरीब परिवारों का दर्द भी उजागर करता है, जिनके सपनों और उम्मीदों को गरीबी, बेरोजगारी और कर्ज का बोझ बर्बाद कर देता है। बेटे की असमय मृत्यु, बेटियों की शादी, और बेरोजगारी की मार ने माहिल को उस मोड़ पर पहुंचा दिया, जहां उसने जीवन से हार मान ली। उसका जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इलाज चल रहा है।

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